मुंबई | बिहार में नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ सरकार बनाने से शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के सुर बदले-बदले नजर आए | उद्धव ने एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ऐसी बात कहीं जिसे सुनकर कई लोग सोच में पड़ गए | बयान के बाद से ही उद्वव ठाकरे की भाजपा में वापसी के कयास लगाए जा रहे है | उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बताना चाहता हूं कि हम आपके कभी भी दुश्मन नहीं थे, हम आपके साथ थे, शिवसेना आपके साथ थी। हमने तो पिछले चुनाव में अपने गठबंधन के लिए प्रचार भी किया था। ठाकरे ने स्पष्ट कहा हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले भी दुश्मन नहीं थे आज भी नहीं है। शिवसेना से संबंध तोड़ने का फैसला हमने नहीं पीएम मोदी ने ही किया। हमारा हिंदुत्व और भगवा ध्वज आज भी कायम |
पीएम मोदी के प्रति उद्धव ठाकरे के बदले हुए सुर बताते है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी के साथ समान विचारधारा वाली “श्री राममय भाजपा” के साथ दोस्ती कर, एनडीए गठबंधन में शामिल होकर लोकसभा चुनाव से पहले घर वापसी करना चाहते हैं | वही लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी से दोबारा दोस्ती करना सच कहें तो उद्धव ठाकरे की बड़ी मजबूरी भी बनता जा रहा है | इस मजबूरी के पीछे कई वजहें हैं। जिसमें प्रमुख वजह महाराष्ट्र में बाबा साहेब बाल ठाकरे स्थापित 57 साल पुरानी पार्टी शिवसेना का अधिकार और निशान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना को मिल चुका है। आपको बता दे कि गैर बीजेपी सरकारों के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर ईडी की ओर से पड़ रहे छापों के बाद तेजी से गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री,मंत्री व वहां की सरकार के सुर बदलने लगे है। ये सरकारें जहां लगातार बीजेपी के केंद्र सरकार ब पीएम नरेंद्र मोदी की खिलाफत करती आ रही थी। अब उनमे कमी नज़र आने लगी है |