जयपुर, 20 सितम्बर । शिक्षा के अधिकार (RTE) के तहत चयनित गरीब बच्चों का दाखिला लगातार टलता जा रहा है। शिक्षा विभाग की ओर से बार-बार आदेश और नोटिस जारी किए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अब तक किसी भी बच्चे का दाखिला सुनिश्चित नहीं हुआ। जहाँ पहले राजधानी के 21 निजी स्कूलों को अंतिम चेतावनी नोटिस जारी किए गए थे, वहीं अब 23 और स्कूलों को नोटिस थमा दिए गए हैं। संयुक्त अभिभावक संघ ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि जिन 21 स्कूलों को नोटिस दिए गए थे, उन्होंने अब तक प्रवेश नहीं किए। विभाग ने 7 दिन की मोहलत दी थी लेकिन 12 दिन बीत जाने के बाद भी कार्यवाही नहीं हुई। उल्टा 23 और स्कूलों का नोटिस जारी कर खानापूर्ति कर दी गई है। यह अभिभावकों को झुनझुना पकड़ाने जैसा है।
संघ ने आदेशों की टाइमलाइन पर सवाल बताया कि पहला नोटिस 8 सितंबर 2025 को 21 स्कूलों को जारी किया गया। दूसरा नोटिस आदेश पर डेट 12 सितंबर लिखी है, लेकिन जारी किया गया 19 सितंबर शुक्रवार शाम को जारी किया गया लेकिन विभाग नोटिस की तारीखें और कार्रवाई में भी पारदर्शिता नहीं बरत रहा है। संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि विभाग आदेश पर आदेश जारी कर रहा है लेकिन दाखिले की प्रक्रिया पूरी तरह ठप है। बच्चे पिछले 5 महीने से पढ़ाई का इंतजार कर रहे हैं। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग बच्चों की शिक्षा के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिख रहे। जब स्कूल खुले हैं तो गरीब बच्चों को पढ़ाई से वंचित रखना निंदनीय है। अब केवल नोटिस से काम नहीं चलेगा, कठोर कार्रवाई करनी होगी। संघ ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को ज्ञापन भेजकर तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। ज्ञापन में RTE दाखिला विवाद सहित 8 प्रमुख मांगें उठाई गई हैं।
