जयपुर, 22 सितम्बर | नवरात्रि का नौ दिवसीय पर्व तामसिक भोजन या पदार्थों के ही त्याग का नहीं, बल्कि तामसिक विचारों के भी परित्याग की प्रेरणा देता है | हमें मात्र परंपराओं तक सीमित न रखकर, अंतर्मन की शुद्धि की ओर अग्रसर करता है। निःसंदेह, यह पर्व अच्छाई की बुराई पर और सत्य की असत्य पर विजय का प्रतीक है। इसी संदर्भ में दिव्य गुरु आशुतोष महाराज कहते है कि हर भ्रष्ट कार्य के पीछे एक भ्रष्ट सोच होती है। जब तक हम अपने विचारों को ईश्वर की ओर नहीं मोड़ते, तब तक हम सही और गलत, अच्छाई और बुराई के बीच अंतर नहीं समझ सकते। और जब तक हम यह विवेक नहीं विकसित करते, तब तक हम एक सच्चा, मानवीय गुणों से परिपूर्ण समाज नहीं बना सकते।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का 22 सितम्बर 2025 से संतुलन प्रकल्प का नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि अभियान देश भर में अपनी छाप छोड़ेगा | इसकी थीम भर हुंकार महिष मर्दिनी सी है | यह थीम केवल एक भाव नहीं, बल्कि नारी के भीतर छिपी दैवीय शक्ति को पहचानने और उसे जगाने का आह्वान है। संतुलन प्रकल्प की वैश्विक प्रमुख साध्वी दीपिका भारती ने कहा कि माँ महिषासुर मर्दिनी की कथा केवल एक पौराणिक कहानी नहीं है, बल्कि एक प्रेरक और क्रांतिकारी केस स्टडी है, जो बताती है कि जब एक नारी आध्यात्मिक जागृति को प्राप्त करती है, तो वह अपने सर्वोच्च स्वरूप में प्रकट होती है। यह अभियान महिलाओं को उनके “बेस्ट वर्ज़न” बनने की ओर प्रेरित करता है! साथ ही, यह समाज को यह स्मरण कराता है कि — नारी का सम्मान, माँ आदिशक्ति की प्रसन्नता को प्राप्त करने का मार्ग है। भर हुंकार महिष मर्दिनी सी नामक इस विशेष अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों के मुख्य आकर्षण कुछ इस प्रकार होंगे माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों पर आधारित ज्ञानवर्धक क्विज़, संतुलन स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत प्रेरणादायक थिएटर, नवरात्रि पर्व पर केंद्रित रोचक गतिविधियां, देवी दुर्गा द्वारा प्रदत्त महिला सशक्तिकरण के सफलता-सूत्रों पर शिक्षाप्रद व्याख्यान, तथा सेल्फी विद गॉडेस दुर्गा’ नामक एक भव्य एवं मनोहारी प्रदर्शनी।
संस्थान दुवारा नवरात्रि में इस अभियान के माध्यम से देशभर में सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता प्रदर्शनियां, नुक्कड़ नाटक तथा शिक्षाप्रद कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं। यह कार्यक्रम विशेष रूप से मंदिरों में आयोजित होते हैं, जहाँ श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक भावना को ध्यान में रखते हुए एक नया सामाजिक परमार्थ दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जाता है। श्रद्धालुओं को वन-टू-वन काउंसलिंग के माध्यम से यह समझाया जाता है कि नवरात्रि पर्व केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में व्याप्त लिंग असमानता एवं महिला विरुद्ध हिंसा विशेष रूप से कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम करने का एक अवसर भी है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के ऑफिशल यूट्यूब चैनल @DJJSWorld पर भी समय-समय पर नवरात्रि विशेष वीडियो प्रकाशित किए जाते हैं। जिसमे देवी भगवत कथा की गूढ़ व्याख्या, महिषासुर मर्दिनी के माध्यम से दिया गया महिला सशक्तिकरण का संदेश, नवरात्रि विशेष भजन, तथा अन्य प्रेरणादायक प्रस्तुतियाँ सम्मिलित होती हैं। ये सभी प्रस्तुतियाँ नवरात्रि को केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आत्मचिंतन, जागरूकता और सशक्तिकरण का उत्सव बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास हैं।
