जयपुर, 14 फरवरी 24 | आज के राजनैतिक दौर में जिस तरह से आज राजनेता अपने निज हित में जब मर्जी आए मौका परस्त होकर दल बदल लेते है जिस से की कभी कभी जनता द्वारा लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारें भी गिर जाती है और जनता मूक दर्शक बन कर रह जाती है साथ ही जनता अपने आपको ठगा सा महसूस करती है | सभी राजनैतिक दलों को बड़ी जिम्मेदारी लेते हुए एक ऐसी पहल करनी चाहिए कि जो लोग दल बदल कर दूसरे दल का दामन थाम रहे है उनको एक निश्चित कार्यकाल ( कम से कम एक साल ) के लिए पार्टी में सेवा करने बाद ही टिकट या पार्टी में कोई पद देने की पहल करे जिससे जो लोग वर्षो से पार्टी के साथ जुड़े हुए है उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह पार्टी के लिए पूरी तन्मयता के साथ कार्य कर सकेंगे | आज कल यह देखने को मिल रहा है की फला नेता ने अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी ज्वाइन की और दूसरे दिन ही उसे पार्टी ने टिकट दे दिया |
इससे आशा है कि दलबदलु मौकापरस्ती में कमी भी आएगी और पार्टी के बरसो पुराने कार्यकर्ताओं को भी एक संतुष्टि रहेगी की कभी भी हमारी धुर विरोधी पार्टी का नेता आकर हमारा नेता बन जाए और हमको मजबूरन उस व्यक्ति को अपना नेता मान ना पड़े जो बिना पार्टी के लिए मेहनत करे बिना ऊंचे पद पर आसीन हो जाए और जमीन से जुड़ा कार्य करता हाथ मलता रह जाए | लेकिन ऐसी पहल कोनसी पार्टी करे यह हमें अभी तक देखने को नहीं मिला है | क्योकि सभी पार्टिया केंद्र और राज्य में अपने राजनीतिक हित पहले देखती है सब उसके बाद ही आता है |