जयपुर, 9 दिसम्बर । संयुक्त अभिभावक संघ ने एक निजी स्कूल में हुई मासूम बच्ची अमायरा की दर्दनाक मृत्यु तथा प्रदेशभर में फैली शिक्षा विभाग की अव्यवस्था पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए राज्य के शिक्षा विभाग और विशेषकर राजस्थान के शिक्षा मंत्री की लापरवाही एवं उदासीनता कार्यशैली पर कड़ा आक्रोश जताया है। संघ ने कहा कि जिस प्रकार राज्यभर में अभिभावक और सामाजिक संगठन न्याय की मांग उठा रहे हैं, उसके बावजूद शिक्षा मंत्री का मौन रहना अत्यंत दुखद, असंवेदनशील और बच्चों की सुरक्षा के प्रति विभाग की गैर-गंभीरता को दर्शाता है। अभिभावकों में भय और चिंता का वातावरण है, परंतु विभागीय नेतृत्व द्वारा मामले से दूरी बनाए रखना आश्चर्यजनक है।
परिवर्तन संस्था के पोस्टर अभियान का समर्थन
संयुक्त अभिभावक संघ ने परिवर्तन संस्था द्वारा चलाए गए “Justice for Amaira” अभियान और शहरभर में लगाए गए “शिक्षा मंत्री लापता” पोस्टर अभियान का पूर्ण समर्थन किया है। संघ ने कहा कि समाज और अभिभावकों की यह सामूहिक आवाज ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में सक्षम होगी। परिवर्तन संस्था का यह प्रयास शिक्षा मंत्री की अनुपस्थिति, निष्क्रियता और असंवेदनशीलता को उजागर करता है, जिसे हर अभिभावक का समर्थन मिलना चाहिए। शिक्षा मंत्री की कड़ी आलोचना, संघ ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री ने आज तक नीरजा मोदी स्कूल में घटित घटना स्थल का दौरा नहीं किया। अमायरा के माता-पिता से किए गए वादे—कि शिक्षा विभाग सीबीएसई की तर्ज पर नोटिस जारी करेगा—आज तक पूरे नहीं हुए। शिक्षा विभाग द्वारा की गई जांच न तो अभिभावकों को उपलब्ध कराई गई और न ही सार्वजनिक की गई। घटना को 39 दिन बीत चुके हैं, लेकिन राज्य के किसी भी निजी स्कूल में सुरक्षा मानकों और व्यवस्थाओं को लेकर कोई कठोर कार्रवाई घोषित नहीं की गई।
