जयपुर, 27 नवम्बर | अभी हाल ही में मध्य प्रदेश के एक आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा जो कि मध्यप्रदेश शासन में उप सचिव, कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग के पद प कार्यरत है ने एक कार्यक्रम में महिलाओं के प्रति बहुत ही घटिया बयान दिया है जिसने महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुँची है। उन्होंने बोला कि जब तक आरक्षण मिलना चाहिए जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं कर दे या उससे उसका संबंध न बना ले। इस बयान से आमजन और महिला वर्ग के सम्मान और भावना को ठेस पहुँची ।
विप्र महासभा के संस्थापक सुनील उदेईया ने कहा कि देश में आतंकवाद से ज़्यादा ख़तरनाक जातिवाद है ,एक तरफ देश में नारी सम्मान और स्त्रक्तिकरण की बात हो रही है वही दूसरी ओर भारत प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी इस तरह का घटिया बयान महिलाओं के लिये दे रहे है बिल्कुल गलत है और नारियों का अपमान है। बहन बेटी कोई दान या संबन्ध बनाने की नहीं है। इनके इस बयान से संतोष वर्मा ने देश की अखण्डता तोडने, संविधान की तोडने, जातीय वैमनस्यता फैलाने, शान्ति व्यवस्था खराब करने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का घोर आपराधिक कृत्य किया है । जिसके विरोध में विप्र महासभा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष हर्षिता शर्मा के नेतृत्व में पुतला दहन और विरोध महिला आयोग कार्यालय पर किया गया और आयोग के रजिस्ट्रार को ज्ञापन दिया और थानाधिकारी को परिवाद देकर क़ानूनी कार्यवाही की मांग की । प्रदर्शन में महिलाओं ने चप्पलों से आईएएस वर्मा के पुतले को पीटा और आग लगा कर पुतला जलाया । प्रदर्शन के दौरान महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष अंजलि गौतम, संजू भारद्वाज, बीना शर्मा, अनसूया शर्मा, कविता शर्मा सहित विप्र महासभा के संस्थापक सुनील उदेईया , प्रदेश अध्यक्ष योगेन्द्र भारद्वाज, प्रदेश संयोजक जितेंद्र मिश्रा, युवा अध्यक्ष दीपेश मिश्रा, देवेंद्र शर्मा , रजनीकांत भारद्वाज, कैलाश जोशी सहित सैकडो लोग उपस्थित रहे ।
