जयपुर, 9 सितम्बर । भांकरोटा स्थित जयसिंहपुरा निवासी सर्वेश जैन ने इस भाद्रपद मास में 16 दिनों तक मौन साधना और निर्जल उपवास (सोलहकरण तप) सम्पन्न किए। पूज्य आचार्य अनेकांत सागर महाराज, गणिनी आर्यिका प्रमुख सुपार्श्वमती माताजी एवं गणिनी आर्यिका रत्न गौरवमती माताजी की प्रेरणा और आशीर्वाद से सर्वेश जैन ने वर्ष 2014 में पहली बार दशलक्षण पर्व पर 10 दिनों के निर्जल उपवास से तप साधना का आरंभ किया था। 2014 से 2023 तक उन्होंने प्रत्येक वर्ष दशलक्षण पर्व के दौरान 10 उपवास किए। वर्ष 2024 में उन्होंने 5 दिन का पंचमेरु तप किया और इस वर्ष त्याग साधना को आगे बढ़ाते हुए 16 दिनों तक मौन साधना एवं निर्जल उपवास का संकल्प लिया। मंगलवार को जयपुर के वरुण पथ स्थित दिगंबर जैन मंदिर में उपाध्याय उर्जयंत सागर महाराज के सानिध्य में, सकल समाज की उपस्थिति और अनुमोदना के साथ सर्वेश जैन ने पारणा किया और 16 दिन के इस कठिन तप का समापन किया।
इस अवसर पर समाज समिति वरुण पथ अध्यक्ष एम.पी. जैन, मंत्री ज्ञान बिलाला, समाज श्रेष्ठि सुरेश जैन (बांदीकुई) परिवार, हेमेंद्र सेठी, विनेश सोगानी, पदमचंद जैन भरतपुर वाले, निर्मल शाह, प्रमोद बाकलीवाल, कुलदीप छाबड़ा, नरेश शाह, सुदर्शन पाटनी, गौरव जैन, श्रीमती शैफाली जैन, श्रीमती प्रिया बाकलीवाल, निधि जैन सहित विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने तिलक व माल्यार्पण कर साधना की अनुमोदना की और सर्वेश जैन को “तपस्वी श्रावक” की उपाधि प्रदान की। इस दौरान समाजजनों ने सर्वेश जैन के पिता राकेश जैन माता आशा जैन को सम्मानित किया।
