Saturday, December 6, 2025
Homeराजस्थानमरीज को मिले गुणवत्ता रिपोर्ट इसलिए निजीकरण का प्रदेशभर में...

मरीज को मिले गुणवत्ता रिपोर्ट इसलिए निजीकरण का प्रदेशभर में हो रहा विरोध


जयपुर, 28 अगस्त। अखिल राजस्थान लैब टेक्नीशियन कर्मचारी संघ ने दिनांक 18 अगस्त को प्रदेश से जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री को जांचों के निजीकरण के विरोध में एवं संवर्ग की मांगों पर लगातार अनदेखी के चलते शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन प्रेषित किए गए। मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो, इसलिए सरकार का शांतिपूर्ण तरीके से ध्यान आकर्षण किया जा रहा है । संख्या बढ़ाने के नाम पर जांचों को निजी हाथों में सौंपने से जांचों की गुणवत्ता से लेकर सरकार पर अतिरिक्त भार पड़ना तय है ।
आज सरकार के पास बिल्डिंग, मशीन ,मैनपॉवर सब कुछ है, निजी हाथों में केवल पीएससी सीएससी से सैंपल को जिला अस्पताल तक भिजवाकर जांच होनी है यह महंगी जांचे सरकारी लैब में आज भी हो रही है ,आज भी ऐसे अनेक उदाहरण है जिनमें हब एंड स्पोक मॉडल में मरीजों का डाटा निजी हाथों में जाने से महीने में कई बार बिना मरीज के बीमार हुए बिना चिकित्सकीय सलाह के ही जांच रिपोर्ट बन रही हैं बिल उठाए जा रहे,सरकार पर अनावश्यक रूप से अतिरिक्त भार पड़ रहा है ! जिन राज्यों में यह मॉडल लागू है वहां जांचों की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है जिसका नुकसान मरीजों को उठाना पड़ रहा है ऐसे अनेकों मामले उजागर हुए हैं ।


संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह एवं मीडिया प्रभारी संतोष शर्मा, प्रवक्ता बालकिशन शर्मा ने बताया कि प्रदेश में सरकार की बहुत ही सस्ती एवं विश्व की लोकप्रिय योजना MNJY विगत 12 से 13 सालों से शानदार चल रही है निजी हाथों में जाने से जांचों की गुणवत्ता 100% प्रभावित होती है इससे सरकार की बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने जैसी महत्वपूर्ण विजन को झटका लगेगा , पड़ोसी राज्यों में आज से 10 साल पूर्व ग्रेड पे 4200 हो चुकी है ,लेकिन राजस्थान में यह 2800 है,गैर वित्तीय मांग पदनाम जो कि सभी सक्षम स्तरों से अनुमोदित है उसे भी परिवर्तित नहीं किया जा रहा मोहन सिंह राजावत तरुण सैनी, सुरेश देवाना ,दलबीर सिंह , अमित गॉड, हरफूल कुमावत ने कहा कि हम आज समस्त जांचों को गुणवत्ता के साथ पूर्ण कर रहे हैं और मरीज हित में अतिरिक्त जांच कार्य के लिए भी हम सरकार को आगे भी मरीज हित में अस्वस्थ कर रहे हैं । समस्त जांच कार्य सरकारी सिस्टम में पूर्ण गुणवत्ता के साथ मात्र phc,chc से आवश्यक एवं जरूरी सैंपल जिला अस्पताल तक भिजवाने की जरूरत है जिसके लिए कोई बहुत ज्यादा अतिरिक्त खर्चा भी नहीं आएगा

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular