जयपुर, 2 अप्रेल। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष भी राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी एवं हीटवेव की चेतावनी दी गई है। इसे देखते हुए सभी जिलों में अधिकारी अलर्ट मोड में रहते हुए जल्द से जल्द आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करें। किसी भी चिकित्सा संस्थान में जांच, दवा एवं उपचार से संबंधित व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं रहे। किसी भी स्तर पर लापरवाही सामने आई तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
चिकित्सा मंत्री उच्च स्तरीय बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आगामी गर्मियों में मौसमी बीमारियों से बचाव की तैयारियों सहित अन्य विषयों पर समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर से मौसमी बीमारियों से बचाव की तैयारियों की सतत मॉनिटरिंग की जाए। साथ ही, राज्य स्तर से अधिकारी नियमित रूप से फील्ड में जाकर निरीक्षण करें। साथ ही, संभाग एवं जिला स्तर के अधिकारी भी अपने—अपने क्षेत्र में आवश्यक रूप से निरीक्षण करें ताकि चिकित्सा व्यवस्थाएं चाक—चौबंद रहें।
मंत्री खींवसर ने सभी जिलों में चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जहां भी डॉक्टर्स या नर्सिंग स्टाफ पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। स्थानीय स्तर पर नियमानुसार संविदा आधार पर चिकित्सक या अन्य चिकित्सा कर्मियों की सेवाएं ली जाएं। उन्होंने गुरुवार दोपहर तक सभी जिलों से चिकित्सा संस्थानों में मानव संसाधन की स्थिति की विस्तृत जानकारी भिजवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि किसी भी चिकित्सा संस्थान में पंखे, कूलर, एसी आदि की कमी की शिकायत नहीं आए। समय रहते जरूरी संसाधनों की खरीद एवं मेंटीनेंस सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए तात्कालिक आवश्यकतानुसार आरएमआरएस में उपलब्ध राशि का नियमानुसार उपयोग किया जाए। साथ ही, दानदाताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं भामाशाहों से भी सहयोग लिया जा सकता है। श्री खींवसर ने कहा कि जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित कर उनका सुचारू संचालन किया जाए। सभी अस्पतालों में आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्थाएं पुख्ता हों। एम्बुलेंस की क्रियाशीलता एवं उसमें सभी जीवन रक्षक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित हो। आमजन को मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करने के निर्देश भी दिए।
