Monday, June 9, 2025
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चिकित्सा मंत्री ने जनाना अस्पताल का किया निरीक्षण



जयपुर, 10 अक्टूबर। चिकित्सा मंत्री  खींवसर गुरूवार प्रात: करीब 11.40 बजे अचानक जनाना अस्पताल पहुंचे और वहां अस्पताल भवन एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने विगत दिनों अस्पताल के एनआईसीयू में छत का प्लास्टर गिरने की घटना की जानकारी ली और मौके पर जाकर वस्तु स्थिति का जायजा भी लिया। उन्होंने अस्पताल परिसर में विभिन्न इकाइयों में जाकर गहन निरीक्षण किया और रोगियों को उपलब्ध करवाई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी,  सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (भवन)  सुनील गुप्ता, सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों के अधीक्षक सहित चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।   

प्रदेश में सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों के भवनों की स्थिति का निरीक्षण कर समेकित प्लान बनाते हुए योजनाबद्ध रूप से मरम्मत एवं अन्य मेंटीनेंस कार्य कराए जाएंगे तथा आवश्यक सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएंगे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने गुरुवार को जनाना अस्पताल के निरीक्षण के बाद  उच्च स्तरीय बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों के विभिन्न विषयों पर समीक्षा करते हुए कहा कि रोगियों, परिजनों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को देखते हुए अस्पताल भवनों का समय—समय पर मेंटीनेंस आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संबंधित अभियंताओं के माध्यम से आगामी दो माह में सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों के भवनों का निरीक्षण करवाकर रिपोर्ट प्राप्त की जाए। जहां भी भवन की स्थिति मानकों के अनुरूप नहीं, भवन पुराना है और मरम्मत एवं मेंटीनेंस की आवश्यकता है, उसके बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए।

खींवसर ने कहा कि मेंटीनेंस कार्य टुकड़ों—टुकडों में करने के स्थान पर एकीकृत प्लान तैयार करें, ताकि पूरे अस्पताल में आवश्यक मेंटीनेंस कार्य एक साथ कराए जा सकें और कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से हो सकें। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि तात्कालिक मेंटीनेंस संबंधी कार्य आरएमआरएम में उपलब्ध राशि का समुचित उपयोग करते हुए तुरंत प्रभाव से करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन भी भवन की स्थिति की नियमित रूप से निगरानी रखे। कहीं भी खतरे की आशंका हो तो तुरंत प्रभाव से उस स्थान को खाली करवाकर दुरूस्त करवाएं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता भी उनके क्षेत्राधिकार से संबंधित भवनों की स्थिति का समय—समय पर निरीक्षण करें।

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