जयपुर, 30 अगस्त। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रदेश में मौसमी बीमारियों की रोकथाम का बेहतर प्रबंधन किया जा रहा है। विगत वर्ष की तुलना में अब तक मलेरिया एवं डेंगू के केस लगभग आधे हैं। ज्यादातर जिलों में स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि आगे भी स्थिति नियंत्रण में रहे, इसके लिए विभागीय अधिकारी पूरी सजगता और सतर्कता के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी जाए। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं हो। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर जलभराव स्थिति बनी है, ऐसे में मौसमी बीमारियों का प्रसार हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। अस्पतालों में दवा, जांच एवं उपचार की माकूल व्यवस्थाएं हों साथ ही, स्थानीय निकाय एवं अन्य विभागों के साथ समन्वय कर रोकथाम गतिविधियों को मिशन मोड में संचालित किया जाए। मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर आईईसी गतिविधियां की जाएं। उन्होंने ने कहा कि चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि समस्त अस्पतालों में हॉस्पिटल स्क्रीनिंग कमेटी एवं वायलेंस प्रिवेंशन कमेटी का गठन आवश्यक रूप से किया जाए। सभी संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर नियमित मॉनिटरिंग की जाए एवं पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड नियोजित किए जाएं।

100 बैड से अधिक के अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्थाओं का होगा औचक निरीक्षण
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत चिकित्सालय में इमरजेंसी एवं भीड़भाड़ वाले स्थानों पर 24 घंटे सुरक्षा गार्ड मौजूद रहें। चिकित्सालय परिसर में संदिग्ध व्यक्तियों पर विशेष नजर रखी जाए। नागरिकों मे एकल हैल्पलाईन नम्बर 112 का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार किया जाए। आउटसोर्स से लिये गये कार्मिकों का पुलिस वेरिफिकेशन आवश्यक रूप से किया जाए। सौ बैड से अधिक वाले समस्त चिकित्सा संस्थानों में नियंत्रण अधिकारियों द्वारा सुरक्षा व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण किया जाए। सीसीटीवी फुटेज एवं सीसीटीवी स्क्रीन की नियमित मॉनिटरिंग हो।
श्रीमती सिंह ने कहा कि संध्याकालीन एवं रात्रिकालीन डयूटी में भी वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित रहे । हॉस्पिटल में स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए राजस्थान चिकित्सा परिचर्या सेवाकर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था (हिंसा एवं संपत्ति का नुकसान) अधिनियम, 2008 के प्रावधानों की सभी स्वास्थ्य कर्मियों को उचित जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया जाए। अधिनियम के दंडात्मक प्रावधानों को समुचित स्थानों पर प्रदर्शित किया जाए। आपातकालीन एवं अतिसंवेदनशील स्थानों पर आरएमआरएस में उपलब्ध मद से उच्च क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएं। आरएमआरएस मद में बजट उपलब्ध नहीं होने पर प्रस्ताव निदेशालय में भिजवाएं।
