जयपुर, 10 अगस्त । इसे चिकित्सा विज्ञान का चमत्कार कहा जायेगा कि हार्ट के बाईपास जैसे जटिल ऑपरेशन अब रोगी को बिना बेहोश किये सफलतापूर्वक किये जा रहे हैं। महात्मा गांधी अस्पताल की हार्ट सर्जरी टीम ने एक ऐसा ही ऑपरेशन किया। करीब ढाई घण्टे चले ऑपरेशन के दौरान रोगी महिला ने अपने पसंद के भजन सुने साथ ही चिकित्सकों से बातचीत करती रही। ‘अवेक बाईपास सर्जरी’ का संभवतः राज्य में पहला सफल ऑपरेशन है। अस्पताल के कार्डियो थोरेसिक सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. अजय मीना ने बताया कि 62 वर्षीय दौसा निवासी महिला को सीने में दर्द की शिकायत होने पर अस्पताल लाया गया जहां एंजियोग्राफी में दो बड़ी नसों में रूकावट सामने आई। ऐसे में बाईपास सर्जरी ही बेहतर ऑपरेशन था। किन्तु अन्य जांचों में सामने आया कि उसके फेफड़ों में ज्यादा खराबी होने की वजह से ऑपरेशन के लिए दी जाने वाली बेहोशी की दवा तथा वेंटिलेटर पर लिये जाने से जान पर जोखिम अधिक था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सकों ने अवेक बाईपास सर्जरी का निर्णय लिया। परिजनों की सहमति से ऑपरेशन के दौरान पूरा बेहोश न करते हुए केवल सीने वाले हिस्से को ही एपीड्यूरल एनेस्थीसिया द्वारा सुन्न किया गया। ऑपरेशन करते हुए चिकित्सकों ने रोगी दर्द और तकलीफ की बात की तो रोगी ने बताया कि किसी प्रकार का दर्द और तकलीफ नहीं हो रही। रोगी ने अपनी पसंद से भजन भी सुने।

डाॅ. अजय ने बताया कि अवेक बाईपास सर्जरी की अपनी जोखिम भी कम नहीं होती। बीटिंग हार्ट यानी धडकते दिल पर की गई इस बाईपास सर्जरी के दौरान सर्जन्स को काफी दिक्कतें आती हैं किन्तु अनुभवी तथा कुशल एनेस्थीसिया टीम की सहायता से उसे दूर किया गया। उन्होंने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन का अब तक राज्य में कहीं भी कोई उल्लेख नहीं है। आपरेशन करने वाली टीम में डाॅ अजय मीना के साथ एनेस्थीसिया विषेषज्ञ डाॅ. सौरभ गुप्ता, डाॅ. वरूण छाबडा, डाॅ. आशीष जैन तथा डाॅ. अभिनव गुप्ता का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। ऑपरेशन के तीसरे दिन ही महिला को सामान्य होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
