जयपुर, 23 मई | जयपुर के मंदिर श्री गोविन्ददेवजी में आज से जल यात्रा शुरू हो गयी है जो 22 जून तक चलेगी | जिसमे नियत तिथियों में 12 जलयात्रा की झांकी के दर्शन होंगे | इस उत्सव में ठाकुर श्री जी को रियासत कालीन चांदी की कमलनुमा होदी में विराजमान किया गया इसमें 8 – 10 फव्वारे लगे है साथ ही इसके आलावा नीचे भी तांबे पीतल के 10 – 12 फव्वारे लगाए गए है | इस दौरान ठाकुर श्री जी को सफ़ेद धोती दुपटे की पोशाक धारण करवायी गयी | जल यात्रा उत्सव में ठाकुर श्रीजी को फूलों का मुकुट एवं अन्य अलंकार फूलों से बनाए जाते हैं । जल में केवड़ा और गुलाब जल मिलाया जाता है । ठाकुर श्रीजी एवं राधा रानी जी के हाथ में सोने की पिचकारी होती है एवं दोनों का परस्पर में जल क्रीड़ा करते हुए अद्भुत दर्शन होते हैं । जल यात्रा उत्सव में ठाकुर श्रीजी को पांच तरीके ऋतू फलों का भोग लगाया जाता है और पूडी और सिकरन का भोग लगाया जाता है ।


मंदिर प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि 10 – 12 वर्ष पूर्व से ही जल यात्रा की झांकी के समय में परिवर्तन कर उसको थोड़ा कम कर दिया गया है ताकि जल का संरक्षण हो सके । जल यात्रा उत्सव के आखिरी दिन 22 जून को ज्येष्ठाभिषेक होगा जिसमें ठाकुर श्रीजी एवं राधा रानी जी का जुगल में पंचामृत अभिषेक होगा । जल यात्रा उत्सव मंदिर श्री गोविंद देव जी के मातहत अन्य मंदिर – मंदिर श्री राधा माधव जी कनक घाटी, मंदिर श्री कुंज बिहारी जी कनक घाटी मंदिर श्री नटवर जी , कनक घाटी एवं मंदिर श्री काला महादेव जी कनक घाटी में भी नियत तिथि में मनाया जाएगा |
