पटना | भारतीय मतदाता के लिए यह एक सबक है जहा जहा उसने त्रिशंकु बहुमत को चुना है वहा उसने अपने को ठगा सा ही महसूस किया है | क्योकि जहा पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं है वहा पर समय समय पर सभी राजनैतिक दल अपने अपने फायदे के लिए किसी का भी साथ दे सकते है या ले सकते है | पिछले चार साल में उन सभी राज्यों में और हालिया बिहार राज्य में जो राजनीतिक खेल हुआ वह यही दर्शाता है कि राजनीतिक दल अपनी मनमानी कर रहे है | उससे एक बात बहुत स्पष्ट है पूर्ण बहुमत की सरकार और बंटे हुए बहुमत की गठबंधन की सरकार में क्या फर्क होता है | पूर्ण बहुमत की सरकार जनता से जुड़े मसलो पर ठोस निर्णय करने में सक्षम होती है | साथ ही मिलीजुली सरकार पहले अपने फायदे के हिसाब से कोई निर्णय करती है |

जहां जहां गठबंधन की सरकार का पूरा समय सरकार को गिरने से बचाने और अपने सहयोगियों को खुश रखने के प्रयासों में निकल जाता है और जनहित के लिए होने वाले कार्यों को दरकिनार कर दिया जाता है | वही यह सब बताता है कि जनता के लिए त्रिशंकु बहुमत मतदान लोकतंत्र के लिए हानिकारक होता हुआ नजर आता है |
