जयपुर, 22 नवम्बर । नीरजा मोदी स्कूल में 1 नवंबर को मासूम अमायरा मीणा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के विरोध में शनिवार को शहीद स्मारक परिसर में अभूतपूर्व जनसमूह उमड़ा। संयुक्त अभिभावक संघ के बैनर तले आयोजित इस विशाल विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च मे अभिभावक बड़ी संख्या में शामिल हुए, जिन्होंने स्कूल प्रशासन, शिक्षा विभाग और जांच एजेंसियों की निष्क्रियता पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया। अभिभावकों ने अमायरा को न्याय दो, जांच में पारदर्शिता लाओ, स्कूलों में सुरक्षा सुनिश्चित करो जैसे जोरदार नारों के साथ विरोध दर्ज कराया। कार्यक्रम के दौरान कई जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अभिभावक नेताओं ने संबोधित किया।
संघ प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि विरोध प्रदर्शन और केंडल मार्च के बाद सात सदस्यों के दल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम पुलिस कमिश्नर के जरिए पुलिस अधीक्षक ललित शर्मा को ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष न्याय की गुहार लगाई साथ ही उन्हें यह भी कहा कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति के मुख्य रामनिवास शर्मा जिन्होंने दो दिनों पहले अपनी जांच रिपोर्ट संयुक्त निदेशक को सौंपी थी और मीडिया में बयान जारी कर नीरजा मोदी स्कूल के फेवर ने स्टेटमेंट जारी किए थे और उसके दो घंटे बाद उनका प्रमोशन हो जाना और रिलीव कर देना सबसे बड़ा सवाल खड़े करता है जो बताता है कि शिक्षा विभाग की जांच टीम और नीरजा मोदी स्कूल प्रशासन में कही ना कही साठगांठ हो गई है
प्रदर्शन में अमायरा के पिता विकास मीणा, माता शिवानी देव मीणा, संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, महामंत्री संजय गोयल, उपाध्यक्ष मनोज शर्मा, जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा, इमरान कुरैशी, आशुतोष रांका, श्रीमती सोनू शर्मा, जयपुर व्यापार मंडल अध्यक्ष ललित सिंह सांचौरा, आदिवासी सेवा संघ प्रदेश अध्यक्ष सुरेश मीणा, काउंसलर देवेंद्र जोशी, पृथ्वीराज नगर संघर्ष समिति प्रवक्ता नानकराम खटीक,पार्षद करण शर्मा, राजसभा महिला संयोजक रेखा शर्मा, युवा नेता मनोज मीणा, आदिवासी महिला विकास संघ अध्यक्ष मंजू जेम्स, नीरजा मोदी स्कूल अभिभावक कमल ठाकुर, उर्मिला राठौड़, निधि गौड़, सौरभ सिंह सहित अनेक प्रतिनिधि शामिल रहे।
सभी वक्ताओं ने एक ही स्वर में कहा कि 18 दिनों से अधिक समय बीत जाने के बावजूद जांच धीमी और संदिग्ध है, जो अभिभावकों की पीड़ा और गुस्से को बढ़ा रही है। संयुक्त अभिभावक संघ ने स्पष्ट कहा कि जब तक निष्पक्ष, वैज्ञानिक और समयबद्ध जांच नहीं होती, आंदोलन चरणबद्ध रूप से जारी रहेगा।
