Saturday, December 6, 2025
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करवा चौथ व्रत श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया



जयपुर। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी शुक्रवार को करवा चौथ का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। अखंड सौभाग्य, पति की दीर्घायु और पारिवारिक सुख-समृद्धि की कामना के लिए सुहागिन महिलाओं ने दिनभर निर्जल-निराहार रहकर व्रत रखा। सुबह से ही शहर के मंदिरों, घरों और पूजा स्थलों पर भक्तिभाव का माहौल रहा। महिलाओं ने स्नान-ध्यान कर व्रत का संकल्प लिया और दिनभर पति की दीर्घायु के लिए उपवास रखा। दोपहर बाद महिलाएं पारंपरिक परिधानों, सोलह श्रृंगार, लाल चुनरी, मेहंदी रचे हाथों और चूडिय़ों से सजी-धजी नजर आईं। बाजारों और कॉलोनियों में दिनभर करवा चौथ की तैयारियों की रौनक बनी रही। शाम के समय महिलाओं ने अपने घरों में मां गौरी, भगवान शिव, गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमाएं स्थापित कर श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की। धूप, दीप, पुष्प, अक्षत, मिठाई और नैवेद्य अर्पित कर विधिवत व्रत कथा का पाठ किया गया। मिट्टी, चीनी या धातु के करवों (10 या 13) में जल, अक्षत और नैवेद्य भरकर पूजन किया गया।
रात्रि 8 बजकर 27 मिनट पर जैसे ही चंद्रमा का उदय हुआ, सभी व्रती महिलाएं अपने आंगनों और छतों पर उमड़ पड़ीं। पारंपरिक गीतों की गूंज और मंगल ध्वनियों के बीच महिलाओं ने चलनी से चंद्रमा का दर्शन किया, फिर उसी चलनी से अपने पति का मुख देखकर अघ्र्य अर्पित किया। इसके बाद पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत का पारण किया गया। घर-घर में उत्सव जैसा माहौल रहा। सुहागिनों के साथ परिवार की अन्य महिलाएं और बच्चे भी इस आयोजन में शामिल हुए। शहर के अनेक स्थानों पर सामूहिक करवा चौथ पूजन का आयोजन किया गया, जहां महिलाओं ने एक साथ कथा सुनी और गीत गाए। इस अवसर पर शहर की गलियों, मंदिरों और समाजिक स्थलों पर रौनक देखने लायक रही। महिलाओं ने करवा चौथ से जुड़े पारंपरिक गीत सुख सैया का सुमिरन करूं, अखंड सौभाग्य पा लूं…गाए ।
पूरे दिन भक्ति, सौंदर्य और प्रेम के इस पावन संगम से सुहाग पर्व करवा चौथ का व्रत सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

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