जयपुर, अगस्त। अरिस्दा अध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने बताया कि व्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति के चलते आरएमसीटीए कर रहा है, राज्य की चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा सेवा में हो रहे सुदृढ़ीकरण का विरोध। एनएमसी के नये नियमो को त्वरित रूप से लागु किये जाने से अब राज्य भर के विभिन्न मेडिकल कॉलेज में रिक्त पड़े पदों पर उपलब्ध होंगे अनुभवी चिकित्सा शिक्षक जिससे मेडिकल छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और राज्य में आम जन को मिलेगी राहत।


डॉ चौधरी ने राज्य सरकार से मांग की है कि राज्य के एसएमएस मेडिकल कॉलेज सहित ज़ोन स्तर पर पूर्व से स्थापित मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और रिसर्च को बढ़ावा मिले इस के लिए चिकित्सा शिक्षकों को पर्याप्त समय देने के उद्देश्य से “एम्स” की तर्ज पर इन्हें रेफरल सेंटर घोषित करते हुए इनमें कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों के लिए एनपीए अनिवार्य कर दिया जाए। निसंदेह इसी से राज्य में चिकित्सा शिक्षा और रिसर्च कार्य में क्रांतिकारी परिवर्तन परिलक्षित होंगे !
