डेगाना (नागौर), | सरकारी जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर डेगाना में एक अहम मामला सामने आया है, जिसमें सूचना न दिए जाने के कारण जमुना देवी अमरचंद दायमा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजलोता नागौर के प्रिंसिपल के खिलाफ अब जिला उपभोक्ता आयोग, नागौर में परिवाद दायर किया गया है। यह मामला नागरिक अधिकारों की अनदेखी और प्रशासनिक उदासीनता का प्रत्यक्ष उदाहरण बनकर उभरा है।
आवेदक ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की धारा 75 के तहत दिनांक 17 जून 2025 को आवेदन क्रमांक MS/BSA/001/2025 प्रिंसिपल को प्रस्तुत किया था। इसके साथ अर्जेंट शुल्क एवं दस्तावेज शुल्क भुगतान किया गया। निर्धारित समय सीमा बीतने के बावजूद मांगी गई सूचना नहीं दी गई। जवाब न मिलने पर संबंधित अधिकारी को कानूनी नोटिस भी भेजा गया, लेकिन उसकी भी अनदेखी की गई। अब यह पूरा मामला उपभोक्ता आयोग की चौखट तक पहुँच गया है, जहाँ प्रशासनिक निष्क्रियता के विरुद्ध न्याय की मांग की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रकरण उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और सरकारी जवाबदेही तय करने की दिशा में एक नजीर बन सकता है।