जयपुर, 25 जून | कई वर्षो पहले सरकार ने जयपुर शहर में रिहायशी इलाको से बाहर डेयरियां को जमीन अलॉट करके बाहर का रास्ता दिखाया था | जिससे आमजन को आवारा पशुओ का रोड पर सामना नहीं करना पड़े | कई साल बीत जाने के बाद भी शहर की सड़को पर रोजाना आवारा पशु घूमते नज़र आते है | जो कई बार दुर्धटना का करना बन रहे है जिसमे कई लोग घायल होते है या अपनी जान भी गवा रहे है | लेकिन नगर निगम के अधिकारी आँख मूंदे बैठे है | नागरिक सुरक्षा संगठन से रवि शंकर धाभाई ने बताया कि विधाधर नगर व जयपुर शहर के अन्य क्षेत्रों में अवैध डेयरियों संचालित की जा रही है लेकिन जयपुर नगर निगम व जिला प्रशासन ने आंखे बंद कर रखी और इस जन मानस की विकट समस्या का ठोस निवारण लंबे अर्से नही किया जा रहा है।
धाभाई ने आगे बताया कि राज्य सरकार को सुझाव भेजा है कि राज्य सरकार को तुरंत प्रभाव से जिला प्रशासन, जयपुर नगर निगम, जयपुर विकास प्राधिकरण, पुलिस प्रशासन की संयुक्त कमेटी बनाकर जयपुर शहर में एरिया वाइज संचालित अवैध डेयरियों चिन्हित कर पुलिस फ़ोर्स की सहायता लेकर इन लोगों के खिलाफ एक अभियान या मुहिम शुरू रोक लगाकर ठोस सख्त कार्रवाई करने की तुरंत आवश्यकता है। आवारा घूमने वाले पशुओं व कुत्तों के कारण सड़को पर आए दिन वाहन चालकों की दुर्घटनाओं से मुक्ति मिल सके और आमजन स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सके। दूध का व्यापार शहर व आवासीय कॉलोनी से दूर किया जाए क्योंकि गायों को लोग सड़कों पर छोड़ देते हैं जिससे कई बार लोग घायल हो जाते हैं । विदेशों से घूमने आए जयपुर शहर में इस प्रकार की अवैध गतिविधियों से पर्यटको में गलत संदेश जा रहा है । गायों का सड़क पर घूमने और कचरा पॉलिथीन इत्यादि खाना उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
