जयपुर, 4 जनवरी । पूर्ववर्ती सरकार हो या वर्तमान सरकार जो भी आता है वह सबसे पहले शिक्षा प्रणाली पर ही अपना वार करता है | जिसका सीधा असर राज्य के अभिभावकों पर पड़ता है साथ ही इसका असर शिक्षकों, गेस्ट शिक्षकों और बेरोजगारों पर भी पड़ता है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजकीय महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूलों की समीक्षा को लेकर 4 मंत्री की एक समीक्षा समिति का गठन किया है | पिछले एक वर्ष से लगातार शिक्षा मंत्री मदन दिलावर कह रहे है कि अंग्रेजी स्कूलों को बंद किया जाएगा | जिसे शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने समीक्षा समिति के गठन से बल दे दिया | संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि राज्य सरकार को शिक्षा की बेहतरी के लिए व्यवस्था को दुरुस्त करने जैसे कदम उठाने चाहिए, ना कि शिक्षा व्यवस्था को समाप्त करने जैसे कदम उठाने चाहिए, अंग्रेजी स्कूलों को बंद करने से पहले अभिभावकों की बात सुन्नी चाहिए | चुनाव से पूर्व यही भाजपा वादा करती थी कि सत्ता में आयेगे शिक्षा का मॉडल स्टेट बनाएंगे, क्या वर्तमान सरकार सरकारी स्कूलों को बंद करके, निजी स्कूलों माफियाओं को पनपा करके शिक्षा का मॉडल स्थापित करना चाहती है।
संघ ने आरोप लगते हुए कहा कि प्रदेश में सरकारी शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने का सुनियोजित षड्यंत्र चल रहा है जिसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने चलाया और अब भाजपा सरकार आगे बढ़ा रही है, जब पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अंग्रेजी स्कूलों की स्थापना बिना तैयारियों के स्थापना की थी उसी दौरान संयुक्त अभिभावक संघ ने पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय का विरोध किया था उस दौरान भाजपा विपक्ष में थी उन्होंने इन्हीं स्कूलों को दुरुस्त करने, पर्याप्त व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने का वादा किया था | अगर राजस्थान सरकार ने प्रदेश के एक भी अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालयों को बंद किया तो संयुक्त अभिभावक संघ ना केवल इसका विरोध करेगा बल्कि अभिभावकों के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने के लिए भी मजबूर होना पड़ेगा।