जयपुर, 29 नवम्बर | इंजीनियर्स कॉलोनी के नवीन जिनालय के नवीन वेदी भूमि शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान आचार्य शशांक सागर महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि जल को जल समझने वाले तो बहुत है किंतु जल को गन्दोधक समझने बहुत कम है क्योंकि यह संस्कारों का प्रभाव है जो अच्छी शिक्षा से वंचित है क्योंकि एक जल वो है जिससे प्राणी नहाता है तो भी जल कहलाता है और एक जल वो है जिससे तीर्थंकर भगवानों के कलशाभिषेक होते है जो गंधोदक बन जाते है जिसे हम अपने मस्तक पर लगाते है। जिनालय संस्कारों का केंद्र है जिसके प्रति आस्था रखने वाले अच्छी शिक्षाओं को धारण करते है और जिनालय और वेदियों का निर्माण करवाते है वो सौभाग्यशाली होते है जो जिनालयों का निर्माण करवाते है यह सौभाग्य आज इंजीनियर्स कॉलोनी वासियों को प्राप्त हुआ है वह सभी साधुवाद के पात्र है।
निर्माणाधीन जिनालय में नवीन वेदी भूमि का शिलान्यास आचार्य शशांक सागर महाराज ससंघ सानिध्य एवं बाल ब्रह्मचारी धर्म चंद शास्त्री (गुरुग्राम) व जिनेश भैया (चीकू) के निर्देशन में किया गया। 250 गज में बन रहे मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर बने बड़े हाल में नवीन वेदी भूमि का शिलान्यास किया गया है जो 5 फीट चौड़ी होगी और सवा 3 इंच ऊंचाई रखी जाएगी, जिनालय जब पूरा तैयार हो जाएगा तब भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के साथ जिन बिम्ब प्रतिमाओं को इस वेदी पर विराजमान किया जाएगा।
