जयपुर, 25 अक्टूबर। प्रदेश में संस्थानिक एवं गैर संस्थानिक मृत्यु के कारणों का चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र जारी करने के विषय पर शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि राजस्थान में मृत्यु के कारणों के चिकित्सकीय प्रमाण पत्र (एमसीसीडी) के लिए सभी जिलों में क्रमबद्ध रूप से प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, प्रदेश में गैर संस्थानिक मृत्यु (अस्पताल से बाहर) का भी चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए प्रक्रिया प्रारम्भ की जाएगी। आर्थिक एवं सांख्यिकीय विभाग के संयुक्त निदेशक सुदेश गुप्ता ने एमसीसीडी के गैर संस्थानिक मृत्यु के कार्य को शीघ्र ही ऑनलाइन करने के संबंध में जानकारी दी।
निदेशक जनस्वास्थ्य ने बताया कि केन्द्र सरकार के जनगणना विभाग के माध्यम से संचालित पोर्टल सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम एवं मृत्यु के कारणों के चिकित्सकीय प्रमाणीकरण के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए इसके सफल क्रियान्वयन में प्रशिक्षण का बहुत महत्व है। इससे समय पर मात्रात्मक एवं गुणवत्तापूर्ण आंकड़े संकलित हो सकेंगे। एम्स, दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मोहन बैरवा ने कहा कि एमसीसीडी एक मात्र ऐसा स्रोत है, जो मृत्यु के कारणों का अलग-अलग आयु वर्ग के लिये तथा लिंग के आधार पर मृत्यु के विशिष्ट कारणों की संख्या को उपलब्ध करवाता है। मृत्यु के कारणों की सभी सूचनाएं प्रत्येक स्तर पर आवश्यक है। किसी भी अस्पताल या क्षेत्र विशेष में किस-किस प्रकार के रोगों से मृत्यु दर्ज की जा रही है की जानकारी के आधार पर रोग का निदान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त संख्या में मास्टर टेªनर्स की सूचना एकत्र होने के बाद एम्स दिल्ली एवं आईसीएमआर के माध्यम से मास्टर टेनर्स का प्रशिक्षण आयोजित करवाया जायेगा। अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. प्रवीण असवाल ने बैठक में विभागीय कार्यों की समीक्षा की। सांख्यिकीय अधिकारी सत्यनारायण गुप्ता ने बैठक का समन्वय किया। बैठक में आईसीएमआर बैंगलोर से डॉ. सुकन्या, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, पीएमओ, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों सहित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
