जयपुर, 28 जुलाई। चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर की पहल पर प्रदेश में अंगदान एवं प्रत्यारोपण का मानवीय मिशन मजबूती से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में रविवार को जोधपुर में एक ब्रेन डेड मरीज के अंगदान से 4 लोगों को नया जीवन मिला। सड़क दुर्घटना की शिकार 25 वर्षीय महिला के परिवार ने जरूरतमंदों को जीवन का उपहार देने के लिए उसके अंगदान करने का फैसला किया। संभावित प्राप्तकर्ताओं के प्रत्यारोपण के लिए दानकर्ता की किडनी, लीवर और हृदय को निकाला गया। सोटो द्वारा किए गए आवंटन के अनुसार एक किडनी और लीवर एम्स जोधपुर को तथा दूसरी किडनी और हृदय एसएमएस अस्पताल जयपुर को आवंटित किया गया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने जयपुर एवं जोधपुर जिले के कलेक्टर से दूरभाष पर चर्चा कर ग्रीन कॉरिडोर सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं।
किडनी को सड़क मार्ग से एसएमएस जयपुर स्थानांतरित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों एवं पुलिस की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसी प्रकार हृदय को पहले एम्स से जोधपुर एयरपोर्ट और फिर हवाई मार्ग से जयपुर लाया गया। उसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हृदय को जयपुर एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से एसएमएस लाया गया। इस तरह 25 वर्षीय अनीता 4 लोगों को नया जीवन देकर अपनी ओर से अंतिम उपहार दे गई, जो इन चार लोगों के माध्यम से जीवित रहेगा। जोधपुर एम्स में पहली बार किसी ब्रेन डेड मरीज का कार्डियक रिट्रीवल किया गया है, जिससे भविष्य में इस तरह की और प्रक्रियाओं का मार्ग प्रशस्त होगा। ऑर्गन रिट्रीवल प्रक्रिया को एम्स जोधपुर के ऑर्गन ट्रांसप्लांट टीम द्वारा कार्यकारी निदेशक प्रो. जीडी पुरी, ट्रांसप्लांट टीम के अध्यक्ष प्रो. एएस संधू और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपक झा की देखरेख में अंजाम दिया गया। ऑर्गन रिट्रीवल प्रक्रिया के बाद शव को पूरे सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ परिवार को सौंप दिया गया। करुणा का यह कार्य दानकर्ता के परिवार की सहानुभूति के बिना संभव नहीं था,
एसएमएस अस्पताल की टीम की रही महत्वपूर्ण भूमिका


इस पूरी प्रक्रिया के दौरान सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टर एवं सोटो की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑर्गन रिट्रीवल के लिए एसएमएस अस्पताल से यूरोलॉजी एवं कार्डियोथोरेसिक विभाग से चिकित्सकों की टीम रात को जोधपुर पहुंची। हार्ट रिट्रीवल के बाद सुबह कार्डियोथोरेसिक विभाग की टीम वापस अंग लेकर जयपुर पहुंची और यहां एसएमएस अस्पताल में पहले से तैयार ओटी में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया। इसी प्रकार सड़क मार्ग से आई किडनी का भी सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि टीम में वरिष्ठ प्रोफेसर न्यूरोसर्जरी डॉ. मनीष अग्रवाल, सीटीवीएस सर्जरी के डॉ. राजकुमार यादव व डॉ. संजीव देवगढ़ा, एनेस्थिशिया से डॉ. रीमा मीना, डॉ. अंजुम सैयद, यूरोलॉजी से डॉ. रामदयाल एवं डॉ. नीरज अग्रवाल एवं टांसप्लांट कॉर्डिनेटर लीलम एवं रामरतन शामिल रहे।
