जयपुर, 8 जुलाई । राजस्थान राज्य में अंतरधार्मिक विवाहो से हो रहे धर्मांतरण और बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए ऐसे विवाहों का पंजीकरण रोकने के लिए आज विभिन्न संगठनों ने मुख्य सचिव और जिला कलेक्टर से मिल कर ज्ञापन दिया । ज्ञापन के साथ मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश से भी अवगत कराया कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने अंतरधार्मिक विवाहों के एक मामले सारिका सेन बनाम मध्यप्रदेश सरकार में मुस्लिम युवक और हिंदू युवती की शादी को अनियमित माना और आदेश दिया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार एक मुस्लिम युवक अग्निपूजा और मूर्ति पूजा करने वाली लड़की से शादी नहीं कर सकता और मुस्लिम पर्सनल लॉ में ऐसी शादी को इररेगुलर अनियमित यानि फ़सीद माना है और स्पेशल मैरिज एक्ट में भी ऐसी शादी को ग़लत मान कर आदेश दिये है ।राजस्थान प्रदेश में भी ऐसी शादियों को गंभीरता से देखा जाए| शादी के पीछे मंशा और कोई अप्रिय घटना नहीं होने को देखते हुआ अंतरधार्मिक विवाहों के पंजीकरण पर रोक लगाई जाए । ज्ञापन देने वालों में फाइट फॉर राइट के प्रदेश अध्यक्ष और विप्र महासभा के संस्थापक सुनील उदेईया, वैश्य सेना के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र मित्तल, श्री परशुराम सेना के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चतुर्वेदी, विप्र महासभा के विधि प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष महावीर शर्मा, देवेंद्र शर्मा, मालती शर्मा, विक्रम पारीक आदि मौजूद रहे ।