जयपुर | विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद उनके ओएसडी लोकेश शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की हार जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की है उनकी ही हठकार्मिता की वजह से कांग्रेस की हार हुयी है | कांग्रेस की हार के बाद पार्टी में फिर गुटबाजी तेज होने के आसार बन गए हैं। सचिन पायलट ने कांग्रेस की हार पर मंथन की मांग करते हुए रिवाज नहीं बदल पाने पर सवाल उठाए हैं। ओएसडी के बयान पर सचिन पायलट ने कहा- मैंने मुख्यमंत्री के सलाहकार का बयान देखा है। उन्होंने जो स्टेटमेंट दिया है, वह आश्चर्यजनक है। वो इसलिए कि बयान मुख्यमंत्री के ओएसडी का है। चिंता का विषय भी है। पूरी उम्मीद है कि पार्टी कहीं न कहीं इस पर ध्यान देगी कि यह क्यों कहा गया? क्या सच है, क्या झूठ है?
करना होगा आत्मचिंतन
पायलट ने कहा कि विधानसभा चुनावों के जो परिणाम आए हैं, उसमें हमारी सरकार नहीं बन पाई। जिस परंपरा को तोड़ने के लिए हमने बहुत मेहनत की, हर संभव कोशिश करने के बावजूद हम कामयाब नहीं हो सके। निश्चित रूप से यह चिंता का विषय है। हर बार हम सरकार बनाने के बाद उसे रिपीट नहीं कर पाते हैं। इस बार दोबारा वही हुआ। इस बात का हम सबको खेद है। इस पर हमें आत्मचिंतन करना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं ने पूरी मेहनत की। अच्छा चुनाव लड़ा। मंगलवार को विधायक दल की बैठक है। उसमें आगे पार्टी की क्या रणनीति होगी? हम सब चाहते थे कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बने। इन तीनों में कांग्रेस पार्टी जीत कर आती तो हम लोगों को बहुत मजबूती मिलती। हार के बावजूद तीनों राज्यों के आंकड़े देखेंगे तो हमारा वोट प्रतिशत बीजेपी से ज्यादा है।
हमें वापस जनता के बीच जाना पड़ेगा
पायलट ने कहा- हमें वापस जनता के बीच जाना पड़ेगा। जनता की कसौटी पर खरा उतरने के लिए हम लोगों को क्या रणनीति बनानी है, कैसे जनता तक संदेश पहुंचाना है, कार्यकर्ताओं में किस प्रकार ऊर्जा का संचार दोबारा करेंगे इस पर कदम उठाने होंगे। समय बहुत कम है। इसलिए बहुत जल्द हमें चर्चा करनी पड़ेगी। मुझे जो कुछ भी कहना है पार्टी प्लेटफार्म पर बताएंगे। पार्टी में नए चेहरों को जिम्मेदारी नहीं मिलने की वजह से हारने के सवाल पर पायलट ने कहा कि मैंने जो पार्टी प्लेटफार्म पर कहा था। आगे भी पार्टी प्लेटफार्म पर बोलूंगा। आज हमारी जिम्मेदारी यह है कि जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है। जनता जनार्दन का निर्णय अंतिम होता है। हमें उसका सम्मान करना चाहिए। हम लोगों को जनता ने विपक्ष में बैठने की जिम्मेदार दी है। हमने पहले भी इसे बखूबी निभाया। आगे भी निभाएंगे। लोकसभा चुनाव दूर नहीं है। इसलिए जो भी हमने पार्टी के प्लेटफार्म पर कहना है वह कहेंगे।