दिल्ली | छठ पूजा का चार दिवसीय महापर्व आज से शुरू हुआ । बेहद कठिन माने जाने वाला यह महापर्व चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होकर सप्तमी तिथि को पूर्ण होता है। वैसे, इसकी आराधना देव उठानी एकादशी तक निरंतर जारी रहती है। इस बार सप्तमी तिथि का क्षय हो रहा है। इसलिए पक्ष 15 की जगह 14 दोनों का ही होगा। चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ 17 नवंबर शुक्रवार से नहाय खाय के साथ शुरू होगा 18 नवंबर को लोहंडा (खरना) के बाद 19 नवम्बर को अस्ताचलगामी (डूबते सूर्य को), 20 नवम्बर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालु भगवान भास्कर यानी सूर्य देव की मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
ज्योतिष आचार्य ने बताया कि इस छठ तिथि पर इस बार विशेष योगों का महामिलन हो रहा है। धृति योग के साथ प्रवधार्न, शूल,हर्ष,वृध्दि ओर गद योगों का शुभ महामिलन हो रहा है। यह श्रद्दालुओं के लिए काफी शुभ फलदायक है। 17 नवम्बर शुक्रवार को नहाय खाय, 18 नवम्बर को लोहंडा (खरना), 19 नवम्बर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य, उगते सूर्य को अर्घ्य (पारणा) होगा |
इस बार लोगों में छठ की स्थिति को लेकर असमंजस बना हुआ था पंचांग के अनुसार सप्तमी तिथि की हानि यानी क्षय हो रहा है। उन्होंने बताया कि निर्णय सिंधु के अनुसार सूर्योदय काल में थोड़ा भी षष्ठी तिथि का मिलन होता है तो उसी दिन षष्ठी तिथि का व्रत या उपवास करना चाहिए। 19 नवंबर को षष्ठी तिथि का मान सूर्योदय के बाद 7:50 तक है। उसके बाद सुबह 7.51 बजे से सप्तमी तिथि का मान शुरू हो जाएगा। जो 20 नवम्बर की सुबह तक है।