जयपुर | बीजेपी इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं रख कर चुनाव लड़ने के प्लान पर काम कर रही है | गत दिनों राष्ट्रिय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह ने कोर कमेटी की बैठक में पार्टी में गुटबाजी को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी | इस के दौरान पार्टी की और से साफ संकेत दिए गए कि विधानसभा चुनाव बिना मुख्यमंत्री के चेहरे पर ही लड़ेगी | कोर कमेटी की बैठक के दौरान जे. पी. नड्डा और अमित शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंदरा राजे से मुलाकात की | इस दौरान राजे समर्थक देवी सिंह भाटी की पार्टी में वापसी हो गयी |
राजे एक जमीनी नेता रही है कार्यकर्ताओ के बीच में काफी लोकप्रिय रही है लम्बे वक्त से सियासत सक्रिय राजे की संगठन पर पकड़ मजबूत रही है व् सभी की नब्ज जानती है बीजेपी के अंदर अभी ऐसा कोई नेता नहीं जो वसुंदरा राजे ज्यादा लोकप्रिय नहीं है | वही राजे की सबसे बड़ी ताकत महिला मतदाता है उन्होंने ने सत्ता में रहते हुए महिलाओ के लिए कई योजनाओ की शुरुआत की जिसकी वजह से महिलाओ की सहानुभूति उनके प्रति है राजे का राज्य की 60 सीटों पर सीधा प्रभाव है | परिवर्तन यात्रा के फीडबैक ने पार्टी आलाकमान की आँखे खोल दी | राजे परिवर्तन यात्रा के आगाज पर तो मौजूद रही लेकिन यात्रा से उन्होंने दुरी बनाते हुए किसी भी रथ पर नज़र नहीं आयी | यहाँ तक की उनके खुद के क्षेत्र में भी नज़र नहीं आयी उनकी यात्रा से दुरी के बाद कार्यक्रमो में में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटा पाई | जिससे मोटे तौर पर अंदाजा लग की बिना वसुंदरा के नैया पार होती नज़र नहीं आ रही है |