जयपुर | राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह बिड़ला सभागार में हुआ | कार्यक्रम शिक्षक सम्मान कम होकर शिक्षा विभाग के एप लांचिंग ओर विभिन्न संस्थाओं से एमओयू में बदल गया | मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दीप प्रज्ज्वलन के बाद समारोह में शिक्षक सम्मान के बारे में डेढ़ घण्टे तक एक भी शब्द नहीं बोला गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मिशन स्टार्ट कार्यक्रम का लोकार्पण भी मुख्यमंत्री ने किया। वही,शिक्षक सम्मान समारोह के तहत कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के आने से पूर्व ही शिक्षा मंत्री बी डी कल्ला से सभागार के एंट्री गेट पर ही सम्मानित होने वाले शिक्षकों को प्रमाण पत्र वितरित कर दिए गए। जिससे राज्य भर से बिड़ला सभागार के मंच पर सम्मान पाने की हसरते लिए आए शिक्षक निराशा में डूब गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे फर्क नहीं पड़ता शिक्षक आरएसएस के है या नॉन आरएसएस के
मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में कहा कि सभागार में मौजूद सैकड़ों शिक्षकों में कौन आरएसएस का है कौन नॉन आरएसएस का,इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुख्यमंत्री ने जब यह बात कही जब उनके भाषण के दौरान सभागार में एक तरफ के शिक्षक तालियां बजाकर जोश में थे,तो दूसरी ओर के शिक्षकों की तालियों की आवाज़ नहीं आ रही थी। गहलोत ने आरएसएस व नॉन आरएसएस से शिक्षकों को संबोधित कर राज्य के सबसे बड़े विभाग के 4 लाख 18 हजार शिक्षकों को दो धड़ों में बांट दिया। थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों के बारे मे तबादला पॉलिसी बनाने की बात कहकर मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से शिक्षकों को निराश किया।
