जयपुर, 2 सितंबर। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिशन 2030 अभियान की कार्य योजना बनाने से पहले कांग्रेस के जन घोषणा पत्र- 2018 में कर्मचारियों से किए वादों को पूरा करने की मांग की है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने विजन दस्तावेज- 2030 तैयार करने के उद्देश्य से महासंघ (एकीकृत) को 6 सितंबर 2023 को राज्य स्तरीय परामर्श कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। जिसमें कार्मिक विभाग के हित धारकों के साथ महासंघ के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की वार्ता आयोजित होगी। जिसमें महासंघ के विचार एवं सुझाव लिए जाएंगे।
महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिशन 2030 अभियान पर विचार करने से पहले जन घोषणा पत्र -2018 में कर्मचारियों से किए वादों को पूरा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि घोषणाओं की पूरा नहीं होने से मिशन 2030 की कार्य योजना पर भी प्रश्न चिन्ह लग जाएगा ? उन्होंने कहा कि सरकार यदि सही मायने में कर्मचारियों का हित चाहती है, तो सर्वप्रथम घोषणा पत्र के अनुरूप कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए सरकार के परीक्षणाधीन खेमराज कमेटी एवं सामंत कमेटी की रिपोर्ट को तुरंत सार्वजनिक करें और संविदा कर्मियों एवं ठेका कर्मियों सहित सभी अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने की भी कार्यवाही करें। बजट घोषणा 2022 व् 2023 की बजट घोषणाओं को पूरा करें क्योंकि इसमें संविदा कर्मचारियों को niyamit करने की तथा ठेका प्रथा से मुक्त करते हुए कर्मचारियों के लिए RSLDC company गठित करने का वादा किया वो अभी तक पूरा नहीं हुआ इसके अलावा जिन कर्मचारी संगठनों के साथ वेतन-भत्ते आदि के समझौते हुए हैं । उनकी क्रियान्वित भी आचार संहिता से पूर्व करके कर्मचारियों को अपने विश्वास में लेवे। तभी मिशन 2030 की सार्थकता होगी अन्यथा वार्ता का कोई औचित्य नहीं है।
