Saturday, December 6, 2025
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राज्य कर्मचारियों की आक्रोश रैली में सरकार को चेतावनी    वादे पुरे नहीं किये तो आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार के खिलाफ मतदान 


       जयपुर । कांग्रेस के जन घोषणा पत्र- 2018 में कर्मचारियों से किए वादों को पूरा नहीं करने के विरोध में प्रदेश के हजारों राज्य कर्मचारियों ने अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत)  के आवाहन पर शहीद स्मारक पर धरना- प्रदर्शन कर आक्रोश रैली निकाली । रैली को रवाना होने से पहले ही पुलिस ने बल प्रयोग कर रैली को शहीद स्मारक पर ही रोक दिया। इस दौरान कर्मचारियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। बाद में सभा को संबोधित करते हुए महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने सरकार को चेतावनी दी यदि आचार संहिता से पूर्व राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र- 2018 में कर्मचारियों से किए वादों को पूरा नहीं किया तो आगामी विधानसभा चुनाव में कर्मचारी और उनके परिवार सरकार के खिलाफ मतदान करेंगा। इसके लिए राठौड़ ने सभी कर्मचारियों को शपथ भी दिलाई। 
       राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र- 2018 में कर्मचारियों से यह वादा किया था कि सत्ता में आने पर राज्य कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाएगा। लेकिन सरकार ने आज तक वेतन विसंगतियों को दूर नहीं किया है। वेतन विसंगतियों के निराकरण के लिए बनी सामंत कमेटी और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट सरकार के पास है। इसके अलावा घोषणा पत्र में संविदा कर्मियों सहित सभी अस्थाई कर्मचारियों को भी नियमित करने का वादा किया था लेकिन उस वादे को भी सरकार ने आज तक पूरा नहीं किया है। नियमितीकरण के नाम पर सरकार ने जो राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स-2023 बनाया है। वह कर्मचारियों के साथ धोखा है। संविदा कर्मचारियों को पूर्व सेवा के अनुभव के आधार पर प्रत्येक 3 वर्ष बाद 1 वर्ष की अधिमानता दी गई है। इससे पूर्व सेवारत नियमित कर्मचारियों और इन कर्मचारियों के बीच एक बहुत बड़ा अंतर हो गया है। यह कांट्रेक्चुअल रूल्स संविदा कर्मियों को नियमित करने के बजाय उनका संविदाकरण करने का तरीका है। जो न्यायोचित नहीं है।         धरने के बाद महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के सचिव  आरती डोगरा को ज्ञापन प्रस्तुत किया। महासंघ के प्रतिनिधिमंडल में प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़, महामंत्री राजेंद्र प्रसाद शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप यादव,संरक्षक भंवर सिंह धीरावत, उपाध्यक्ष मधुबाला शर्मा, संयुक्त महामंत्री सर्वेश्वर शर्मा एवं प्रदेश मंत्री प्रहलाद राय अग्रवाल शामिल थे।

          महासंघ (एकीकृत) के महामंत्री राजेंद्र शर्मा ने बताया की हमारी मांगो  खेमराज कमेटी और सामंत कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जावे। वेतन कटौती के 30.10.2017 के आदेशों को निरस्त कर पूर्व अधिसूचना 28.06.13 के अनुरूप पे- मैट्रिक्स निर्धारित की जाए ।  वेतनमान का परिलाभ 9,18 व 27 वर्ष के स्थान पर 8, 16, 24 व 32 वर्ष पर पदोन्नति पद के समान, राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स- 2023 में संशोधन कर संविदा कर्मियों को प्रत्येक वर्ष की पूर्ण सेवा के आधार पर नियमित किया जाए तथा इसमें ठेका कर्मियों सहित सभी अस्थाई  कर्मियों को शामिल किया जाए। अधीनस्थ मंत्रालयिक संवर्ग को शासन सचिवालय  के मंत्रालयिक कर्मचारियों के समान वेतन, भत्ते दिए जावे तथा द्वितीय पदोन्नति ग्रेड पे- 4200 पर सुनिश्चित की जावे। तृतीय श्रेणी अध्यापकों एवं मंत्रालयिक संवर्ग सहित समस्त अधीनस्थ कार्मिकों के स्थानांतरण गृह जिला अथवा विकल्प पत्र के अनुसार किए जावे। एमटीएस का पद सृजित कर सहायक कर्मचारी को उसमें समायोजित किया जावे तथा पफ।इनका प्रारंभिक वेतन 18000 रुपए निर्धारित किया जावे। निविदा पर लगे कार्मिकों का न्यूनतम पारिश्रमिक ₹18000 तय किया जावे तथा बजट घोषणा 2023 के अनुसार ठेका प्रथा समाप्त कर राज्य के सभी निविदा ठेका एवं प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से लगे कार्मिकों को आरएलएसडीसी का गठन कर सीधे वेतन देने के आदेश प्रदान किए जावें। राजस्थान परिवहन निगम को सरकार के विभाग के रूप में समाहित किया जावे तथा कर्मचारियों के वेतन व पेंशन का भुगतान राज्य सरकार की ट्रेजरी से किया जावे। अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिवस से बढ़ाकर सेवानिवृत्ति तक जोड़ने के आदेश जारी किए जाएं।1) ग्रामीण क्षेत्र में कर्मचारियों को मूल वेतन का 10% ग्रामीण भत्ता स्वीकृत किया जावे। कार्य प्रभावित कर्मचारियों के नवसृजित पदों का वेतनमान पूर्व प्रचलित पदों के वेतनमानों के समान रखा जावे। वर्ष 2009-10 से पातेय वेतन पर पदस्थापित वरिष्ठ अध्यापक एवं प्रधानाध्यापक (ग्रेड -द्वितीय) को एडहॉक प्रमोशन की दिनांक से नियमित पदोन्नति सुनिश्चित की जावे। बोर्ड, निगम व विश्वविद्यालय के सेवारत कर्मचारियों को एनपीएस के स्थान पर ओपीएस का लाभ दिया जावे। महासंघ (एकीकृत) से संबद्ध सभी संगठनों के लंबित मांग पत्रों पर द्विपक्षीय वार्ता आयोजित करा कर मांगों का निराकरण किया जावे आदि मांगे शामिल है।
        सभा को जिन्होंने संबोधित किया उनमें प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ , भंवर सिंह धीरावत, कुलदीप यादव  ,राजेंद्र प्रसाद शर्मा, अमरजीत सिंह सैनी, सुरेश धाभाई, राजेश पारीक, गिरिराज सोनी, सर्वेश्वर शर्मा, राजेंद्र कुमार शर्मा, श्री राम मीणा, मधुबाला शर्मा, देवेंद्र सिंह नरूका, ओमप्रकाश चौधरी, महेंद्र शर्मा, सुरेश नारायण शर्मा, अशोक भंडारी, महेश कुमार, सुरेश सैनी, प्रहलाद अग्रवाल , धनराज गुप्ता, राम प्रसाद चौधरी, महेंद्र सिंह शेखावत, अजय वीर सिंह , बाबूलाल शर्मा , प्रकाश यादव , सत्येंद्र कुमार शेर सिंह यादव, रमेश चौधरी, नाथू सिंह गुर्जर एवं घासी लाल शामिल है। इनके अलावा जिलों से आए कर्मचारी नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया जिनमें कांति कुमार शर्मा, प्रदीप गर्ग, बाबूलाल, योगेश कुमार, भगवती लाल, महबूब खान, तेज प्रकाश चतुर्वेदी, चंद्रभान चौधरी, अशोक भोभिया, छोटे लाल मीणा, प्रभु सिंह चौहान, मेहराजुद्दीन, रणजीत सिंह ,सत्यनारायण भट्ट, भागेंद्र सिंह, मनीष पहाड़िया आदि शामिल हैं।

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