Saturday, December 6, 2025
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पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिए पशुओं का संरक्षण आवश्यक

जयपुर, 4 अक्टूबर | विश्व पशु दिवस के उपलक्ष्य में संभागीय पशुपालन विभाग में आयोजित संगोष्ठी में विश्व पशु दिवस मनाया गया हर साल 4 अक्टूबर को दुनिया भर में मनाये जाने वाले दिवस पर पशु अधिकारों और कल्याण के संबंध में संगोष्ठी का आयोजन किया गया | इस दौरान ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ बीरमा राम मेघवाल ने कहा कि आज पशुओं के प्रति जागरूकता का दिन है यह दिन पशुओं और प्रकृति के संरक्षक संत, सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी के  साथ एक विश्वव्यापी आंदोलन के रूप में विकसित हुआ जो विभिन्न संस्कृतियों और देशों के समुदायों को पशु जीवन के सभी रूपों का जश्न मनाने के लिए एकजुट करता है। उन्होंने कहा कि रोड सेफ्टी के लिए रोड के किनारों पर लाइटिंग की व्यवस्था होनी चाहिए।
इस अवसर पर श्रेयांस बैद ने कहा कि बोर्ड पशु कल्याण को बढ़ावा देने के लिए छह दशकों से अधिक समय से कार्यरत एक वैधानिक निकाय है सभी नागरिकों, शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी कार्यालयों, कॉरपोरेट्स, गैर सरकारी संगठनों, पशु कल्याण संगठनों (एडब्ल्यूओ) और गौशालाओं से हमारी संस्कृति, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और दैनिक जीवन में पशुओं के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान करता है। जानवर सिर्फ़ साथी या संसाधन नहीं हैं, वे मानव अस्तित्व और ग्रह के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं उनकी भूमिका पर्यावरण संतुलन, टिकाऊ कृषि, सांस्कृतिक विरासत, आजीविका, साहचर्य, चिकित्सा और यहाँ तक कि वैज्ञानिक प्रगति तक फैली हुई है।मानवीय शिक्षा और जिम्मेदार पशु देखभाल को बढ़ावा देना,आश्रयों, बचाव प्रयासों और पशु कल्याण पहलों का समर्थन करना,पशुओं के अधिक सुदृढ़ संरक्षण एवं कल्याण की वकालत करना ये विश्व पशु दिवस हमें सिखाता है।

अतिरिक्त निदेशक संजय शर्मा ने कहा जीवन और संस्कृति को बनाए रखने में पशुओं की भूमिका महत्वपूर्ण है।हम पशुओं के कल्याण और सम्मान को सुनिश्चित करने की अपनी साझा जिम्मेदारी की पुनः पुष्टि करें, जो स्थिरता, खाद्य सुरक्षा, सामाजिक समानता और सामूहिक कल्याण की दिशा में एक आवश्यक कदम है। मंच का संचालन डॉक्टर लालचंद शर्मा ने किया और संचालन के दौरान अपने महत्वपूर्ण विचार इसमें रखें जिससे कि पशुओं को कम से कम हानि हो साथ ही आम लोगों को पशु कल्याण हेतु, पशु सुरक्षा हेतु ,पशु क्रूरता निवारण हेतु जागरूक किया जाए जब जन जागरण में इस प्रकार की भावना आएगी तो ज्यादा अच्छा रहेगा क्योंकि इस पृथ्वी पर पशुओं को भी रहने का पूर्ण अधिकार है। इस दौरान डॉ शशिकांत शर्मा,,डॉ राजेंद्र स्वामी,डॉ कमल व्यास,डॉ गजेंद्र राजपुरोहित, डॉ नरेश शर्मा ने भी  विचार रखे।

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