जामनगर, 25 जुलाई । भारत के प्रमुख वन्यजीव बचाव एवं संरक्षण केंद्र वनतारा ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रोजेक्ट एलिफ़ेंट के सहयोग से जामनगर में पाँच दिवसीय ‘वनतारा गजराज सम्मेलन’ का आयोजन किया है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा ऐसा प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो हाथियों की सेवा और देखभाल को समर्पित है। सम्मेलन में 100 से अधिक महावतों और हाथी विशेषज्ञों को पारंपरिक और वैज्ञानिक दोनों प्रकार की देखभाल विधियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूर्ण होने पर प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाएंगे।
वनतारा के सीईओ विवान करानी ने कहा कि यह सम्मेलन केवल प्रशिक्षण का मंच नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और करुणामयी भविष्य की नींव है। हमारा उद्देश्य पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के समन्वय से हाथियों के कल्याण के लिए एक सशक्त और टिकाऊ व्यवस्था बनाना है। यह दर्शाता है कि हाथियों का संरक्षण केवल नीति और आवास तक सीमित नहीं, बल्कि उनकी देखभाल करने वालों की कुशलता और संवेदनशीलता पर भी आधारित है। वनतारा में वर्तमान में 250 से अधिक हाथियों की देखभाल की जा रही है, जिनकी सेवा में 500 से अधिक प्रशिक्षित कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, अफ्रीकी देश कॉन्गो से वन्यजीव विशेषज्ञ एवं अधिकारी भी प्रशिक्षण के उद्देश्य से यहाँ उपस्थित हैं।
