जयपुर, 7 जुलाई। आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार सक्रिय रहने वाले लीगल अंबिट संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राव धनवीर सिंह ने एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। राव ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी तय समय पर न देने पर कलेक्टर कोटपूतली और राजस्थान सरकार के मुख्य शासन सचिव के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग तृतीय, जयपुर में परिवाद दाखिल किया है।
आयोग ने मामले की गंभीरता को समझते हुए दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर 30 दिन के भीतर दस्तावेजों के साथ आयोग में व्यक्तिगत रूप से या प्रतिनिधि के माध्यम से पेश होने का आदेश दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय में जवाब नहीं दिया गया, तो एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी।
नोटिस देने के बाद भी नहीं मिली सूचना
राव धनवीर सिंह ने बताया कि उन्होंने कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों को समय रहते सूचना प्रदान करने हेतु आवेदन किया था। जब तय समयसीमा में दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए, तो उन्होंने कानूनी नोटिस भेजा। बावजूद इसके प्रशासनिक स्तर पर कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला, जिससे आमजन के सूचना के अधिकार का उल्लंघन हुआ।
उन्होंने कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम और सूचना का अधिकार अधिनियम नागरिकों को यह सुनिश्चित करने का अधिकार देते हैं कि प्रशासन पारदर्शिता बनाए रखे। यदि सरकार और प्रशासन के उच्च अधिकारी ही सूचना देने से बचते हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर सवाल खड़े करता है । सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि यह लड़ाई केवल उनके लिए नहीं, बल्कि हर उस नागरिक के लिए है जो समय पर न्याय और जानकारी पाने का हक रखता है। यदि आयोग के निर्देश के बावजूद दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए, तो वे उच्च न्यायालय तक जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
