जयपुर, 1 जून । वैश्विक अभिभावक दिवस दुनियाभर के बच्चों के प्रति उनके निस्वार्थ समर्पण और प्यार की सराहना के लिए माता – पिता और संरक्षकों के सम्मान के रूप में मनाया जाता है | वैश्विक अभिभावक दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई है। जो अभिभावकों के त्याग और बलिदान को मान्यता प्रदान करता है। वैश्विक अभिभावक दिवस के अवसर पर संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि यह दुनिया में एकमात्र ऐसा पर्व है जिसके प्रति बिल्कुल भी जागरूकता नहीं है और ना ही इसकी जानकारी को बढ़ावा दिया गया है। स्वयं अभिभावकों की निष्क्रियता ने इस पर्व महत्व नहीं दिया गया है किंतु अब संयुक्त अभिभावक संघ इस पर्व को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेगा। सरकारी स्कूल हो या निजी स्कूल या फिर राज्य सरकार अभिभावकों के पर्व को महत्व नहीं देती क्योंकि उनको डर लगता है कि अगर अभिभावक जागरूक और एकजुट हो गए तो बहुत सारे सवाल खड़े हो जाएंगे इसलिए इस पर्व को महत्व नहीं दिया जाता।
संघ ने वैश्विक अभिभावक दिवस पर अभिभावकों पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि अभिभावकों की निष्क्रियता और गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते लगातार निजी स्कूलों में मनमानी बढ़ रही है और सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों की अनदेखी की जा रही है। अभिभावकों को अपने महत्व को समझना होगा | तभी शिक्षा में सुधार होगा और प्रत्येक बच्चों को समुचित शिक्षा का लाभ मिलेगा। संघ प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि अभिभावकों को अपना निजी स्वार्थ छोड़ना चाहिए और प्रत्येक बच्चे के प्रति जिम्मेदारी निभानी चाहिए | अभिभावक का मतलब केवल माता-पिता नहीं होता बल्कि एक संरक्षक की भूमिका निभाना भी होता है। जब देश अपना है, समाज अपना है, दोस्त अपने, रिश्तेदार अपने है तो संरक्षक की भूमिका से परहेज क्यों कर रहे है अभिभावक। शिक्षा केवल शिक्षा नहीं है यह दीक्षा का वह मार्ग है जो प्रत्येक बच्चों को संस्कारित और व्यावहारिकता के मार्ग पर चलना सिखाती है।