जयपुर, 21मार्च | नया शैक्षणिक सत्र अप्रैल माह से प्रारंभ होने वाला है लेकिन सत्र शुरू होने से पहले ही स्कूलों ने फीस बढ़ा दी | जयपुर सहित प्रदेशभर के लगभग सभी निजी स्कूलों ने फीस एक्ट कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए मनमाने तरीके से नए सत्र में भी स्कूलों की फीस बढ़ा दी है जबकि पिछले सत्र में ही स्कूलों ने फीस में भारी बढ़ोतरी की थी बावजूद इसके नए सत्र के प्रारंभ होने से पहले एक बार फिर अभिभावकों पर फीस का संकट खड़ा कर दिया है। संयुक्त अभिभावक संघ ने आरोप लगाया कि नए सत्र 2025-26 के लिए निजी स्कूलों ने 10 से 25 फीसदी तक फीस बढ़ा दी है, जो ना केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है बल्कि राज्य की विधानसभा में पारित हुए ” फीस विनियामक अधिनियम विधेयक (स्कूल फीस एक्ट 2016-17) तक की अवहेलना है, एक्ट के अनुसार स्कूलों को 3 साल में फीस बढ़ाने का अधिकार है वह भी तब है जब स्कूल फीस एक्ट कानून की पालना सुनिश्चित करता है तो अन्यथा वह फीस भी नहीं बढ़ा सकता है। “
प्रदेश में अगर निजी स्कूल संचालक मनमानी कर रहे है तो इसका स्पष्ट कारण राज्य सरकार और शिक्षा विभाग का मूक बधिर होना सबसे बड़ा कारण बना हुआ है और सरकार व प्रशासन के संरक्षण के चलते निजी स्कूल खुले आम सुप्रीम कोर्ट के आदेश 3 मई 2021 और 1 अक्टूबर 2021 की धज्जियां उड़ा रहे है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने स्पष्ट आदेश में स्कूलों में फीस एक्ट की पालना सुनिश्चित करने का आदेश दिया हुआ है किंतु विगत 4 वर्षों ना स्कूल एक्ट की पालना कर रहे है ना ही राज्य सरकार और शिक्षा विभाग एक्ट की पालना सुनिश्चित करवा रहे है आलम यह है प्रदेश के 99.99 फीसदी स्कूल में फीस एक्ट का पालन ही नहीं हो रहा है, कुछ स्कूल ने फीस को लेकर निर्धारित एसएलएफसी (स्कूल लेवल फीस कमेटी) जो बनानी होती है वह तक फर्जी बनाई हुई है, संयुक्त अभिभावक संघ इस संदर्भ में शिक्षा विभाग को तथ्यों के साथ दर्जनों पर पत्र तक लिख चुका है किंतु शिक्षा विभाग ने ऐसे किसी भी स्कूल पर कार्यवाही सुनिश्चित नहीं, जिसके चलते अभिभावकों में अब आक्रोश फैलता जा रहा है।
फ़ीस बढ़ोतरी पर अभिभावकों की प्रतिक्रिया
जवाहर नगर सेक्टर 4 निवासी युवराज हसीजा ने बताया कि उनका एक बच्चा सेक्टर 4 के नामी स्कूल में पढ़ाई करता है पिछले सत्र 2024-25 में उस स्कूल में कक्षा 1 से 11 तक की फीस 76800 रु रखी गई थी, वही अब नए सत्र 2025-26 में उसी स्कूल ने कक्षा 1 से 11 वीं तक की फीस 83400 रु कर दी है जो पिछले बार के मुकाबले 6600 रु अधिक है जबकि स्कूल ने आजतक ना पीटीए का गठन किया है ना एसएलएफसी कमेटी बनाई हुई है, व्यापार ठप होते जा रहे है महंगाई और मनमानी बढ़ती जा रही है ऐसे में अब चिंता सता रही है कैसे परिवार पाले कैसे बच्चों का भविष्य बनाएं |
अरविन्द अग्रवाल ने बताया कि जयपुर के एक और नामचीन स्कूल एमपीएस इंटरनेशनल स्कूल ने भी पिछले सत्र के मुकाबले इस सत्र में लगभग 6 से 7 हजार रु की फीस में बढ़ोतरी कर दी है। हालांकि स्कूल ने अभी इस पर कही भी अपटेड नहीं डाला है किंतु जानकारी प्राप्त हुई है कि स्कूल से 6 से 7 हजार रु फीस बढ़ा रहा है। जैसे जैसे अभिभावकों को जानकारी मिल रही है वह इस फैसले का विरोध कर रहा है।