कोटा, 21 मार्च | विधायक संदीप शर्मा ने कहा है कि 230 साल पहले 1795 में जब भगवान मथुराधीश जी कोटा पधारे थे तब दीवान दुर्गादास ने अपनी हवेली उनके श्रीचरणों में अर्पित की थी, वहीं पर भगवान विराजमान हुए और आज हमारा परम सौभाग्य है कि हम उस मंदिर के सौंदर्यीकरण और परिक्रमा पथ निर्माण के पुनीत कार्य में भागीदार बने हैं। ज्ञात हो कि वे निरंतर मथुराधीश जी मंदिर के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण, परिक्रमा पथ व हेरिटेज सिटी निर्माण के लिए प्रयासरत थे और प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद उनके आग्रह पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस मंदिर के विकास के लिए 20 करोड़ की राशि स्वीकृत कर दी थी किंतु राशि कम होने पर विधायक शर्मा ने उनके पुनः आग्रह कर 66.57 करोड़ की डीपीआर स्वीकृत करवाई।
मंदिर के इस कार्य की प्रगति जानने के लिए उन्होंने विधानसभा में तारांकित प्रश्न के माध्यम से जानकारी ली जिसका उत्तर देते हुए स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि कोटा विकास प्राधिकरण द्वारा भगवान मथुराधीश जी मंदिर के कॉरिडोर के विकास एवं हेरिटेज विकास कार्य के लिये कोटा के जनप्रतिनिधियों से विस्तृत चर्चा उपरान्त डी. पी. आर. तैयार की गई थी जिसकी अनुमानित लागत 66.57 करोड़ है। इसके अन्तर्गत 30 करोड़ की लागत से श्री मथुराधीश मन्दिर मार्ग को चौड़ा व सौन्दर्यीकरण करने में आ रहे मकानों व उनके नीचे स्थित दुकानों, धर्मशालाऐं व मन्दिर परिसर का अधिग्रहण का कार्य होगा। मंदिर पर पहुंच सुगम बनाने के प्रश्न पर उन्होंने बताया कि इसके लिए 3.13 करोड़ की लागत से मंदिर के पीछे नामदेव धर्मशाला से भट्ट जी घाट तक रोड़ को 40 फीट चौड़ा करना तथा परिक्रमा मार्ग को चौडा किया जाएगा जिससे गढ पैलेस स्थित सांई बाबा मंदिर से सीधे मथुराधीश मंदिर तक आवागमन सुगम हो जायेगा। भट्टजी घाट पर स्थित पुरानी पुलिया के स्थान पर स्टील ब्रिज तथा एलिवेटेड रोड निर्माण पर 1.51 करोड़ खर्च होंगे।
मंत्री खर्रा ने बताया कि बड़ी संख्या में दर्शनार्थियों आवागमन और उनके वाहनों के लिए नामदेव धर्मशाला व मंदिर की जमीन पर 15 हजार वर्गफीट भूमि पर मल्टीलेवल पार्किंग निर्माण पर 7.19 करोड़ व्यय होंगे, वहीं टिपटा चौराहा भूरिया गणेश जी मंदिर से पाटनपोल दरवाजे पर परिक्रमा मार्ग को हेरिटेज लुक में सौंदर्यीकरण पर 7.36 करोड़ खर्च करने का प्रस्ताव है। मंदिर के सामने स्थित बॉम्बे वाले की धर्मशाला, निजी आर्यन स्कूल एवं राजकीय संस्कृत विद्यालय की भूमि को अधिग्रहित कर यहां पर दुकानें एवं रेस्ट हाउस निर्माण करवाया जाएगा। यहां पर प्रथम व द्वितीय तक पर श्रद्धालुओं के आवास की व्यवस्था की जायेगी। साथ ही मंदिर तक आसानी से पहुंचने लोगों में जागरूकता हेतु प्राधिकरण ने कॉरिडोर मार्ग पर साइनेज एवं होर्डिंग लगाने की व्यवस्था की है।