जयपुर, 1 अगस्त। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के नेतृत्व में प्रदेश के सभी विभागों और निगमों के ठेका कर्मचारी कल शहीद स्मारक पर एक विशाल ध्यानाकर्षण धरना- प्रदर्शन कर आरएलएसडीसी के गठन की अधिसूचना जारी करने की मांग करेंगे । यह जानकारी गजेंद्र सिंह ने देते हुए बताया कि ठेका कर्मियों को शोषण से मुक्त करने के लिए राज्य सरकार ने बजट घोषणा 2023 में रेक्सको की तर्ज पर राजस्थान लॉजिकल सर्विस डिलीवरी कॉरपोरेशन (आरएलएसडीसी) के गठन की घोषणा की थी। लेकिन इसकी अधिसूचना आज तक जारी नहीं की है। प्रदेश के सभी ठेका कर्मियों में नाराजगी का माहौल है।
पत्रकार वार्ता के दौरान ठेका कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नाथू सिंह गुर्जर ने बताया कि ठेकेदारों द्वारा पिछले कई वर्षों से ठेका कर्मियों का शोषण हो रहा है। ठेकेदारों को सरकार की ओर से जहां 17000 से 30000 रुपए प्रति ठेका कर्मी के हिसाब से बजट आवंटित किया जा रहा है। वहीं ठेका कर्मी को उसमें से मात्र 5000 से 7000 रुपए का ही भुगतान किया जा रहा है। जिससे ठेकाकर्मी, ठेकेदारों की मनमानी का शिकार हो रहे हैं। गुर्जर ने बताया कि कई विभागों में ठेकेदारों द्वारा 10 वर्ष से भी अधिक समय से कार्य कर रहे ठेका कर्मियों को अचानक निकाला जा रहा है। बीसलपुर परियोजना, सूरजपुर प्लांट से भी हाल ही में 90 कर्मचारियों को जेसी के.सी. कंपनी ने हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि एजेंसियों के द्वारा हटाने का भय दिखाकर ठेका कर्मियों से बगैर साप्ताहिक अवकाश लिए कार्य लिया जा रहा है। इससे ठेका कर्मी अपने पारिवारिक दायित्व को भी निर्वाह नहीं कर पा रहे हैं।