जयपुर, 29 मई। प्रदेश में लू-तापघात की स्थितियों से निपटने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किए हैं। साथ ही, विभाग की संवेदनशील पहल पर दानदाता-भामाशाह एवं समाज सेवी संस्थाएं भी उदार मन के साथ इस प्राकृतिक आपदा में सहयोग कर रही हैं। चिकित्सा विभाग जहां अपने संसाधनों से तात्कालिक आवश्यकताओं को तुरंत प्रभाव से पूरा कर रहा है, वहीं समाजसेवी संस्थाओं का सहयोग लेकर भी चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में हीटवेव प्रबंधन को लेकर मार्च माह से तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। इसके चलते 90 प्रतिशत से अधिक चिकित्सा संस्थानों में समुचित प्रबंधन सुनिश्चित हो सके। शेष 10 प्रतिशत संस्थानों में भी हीटवेव प्रबंधन को लेकर आरएमआरएस में उपलब्ध फंड तथा दानदाताओं एवं समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। विभाग के इन प्रयासों का परिणाम रहा कि प्रदेश में लू-तापघात की प्रबलता के बावजूद स्थितियां नियंत्रण में हैं। हीट स्ट्रोक वार्डों में मरीजों एवं लू से मौतों की संख्या नगण्य है।


उन्होने बताया कि आरएमआरएस एवं जनभागीदारी के माध्यम से चिकित्सा संस्थानों में कूलर, एसी, पंखे, वाटर कूलर, ग्रीन नेट, पेयजल, तरल पेय पदार्थ सहित अन्य इंतजाम व्यापक रूप से सुनिश्चित किए जा रहे हैं। प्रदेशभर में समाजसेवी संस्थाओं से विभाग को भरपूर सहयोग मिल रहा है। निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि जिला अस्पताल कुचामन में 10 लाख रुपये से एसी वार्ड तैयार किया गया। चित्तौडगढ़ जिला अस्पताल में बैड की संख्या बढ़ाई गई एवं जम्बो कूलर्स व टैंट की व्यवस्था की गई। बीडीके अस्पताल झुंझुनूं में 50 पंखे, 20 कूलर, 2 एसी व 3 वाटर कूलर लगाए गए। जिला अस्पताल, बारां में 11 एसी, 1 वाटर कूलर, 1 चिलिंग प्लांट एवं 50 कूलर जनसहयोग से लगाए गए हैं। जिला अस्पताल नीमकानाथा में वाटर कूलर, एसी, कूलर एवं पंखे, एसडीएच ओसियां-जोधपुर में आपातकालीन वार्ड में 2 एसी, पीएचसी कानोता में 3 जम्बो कूलर, सीएचसी देई-बूंदी में वाटर कूलर, टैंट, सीएचसी तोसीना में प्याऊ, श्रीकरणपुर सीएचसी में एसी, बंूदी अस्पताल में 15 एसी, 55 कूलर एवं 2 वाटर कूलर लगाए गए।
