जयपुर, 20 मई। राजेन्द्र राठौड़ ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के किसान कर्जमाफी वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि हनुमानगढ के रावतसर की जमीन नीलामी के नोटिस को लेकर गहलोत भाजपा पर तथ्यहीन और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। राठौड़ ने कहा कि किसानों की जमीन नीलामी कांग्रेस सरकार के राज में होती थी, अब प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन सरकार है जो संकल्प पत्र के सभी संकल्पों को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है। भाजपा की सरकार ने महज छह माह के दौरान 45 फीसदी संकल्पों को पूरा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हनुमानगढ के 20 किसानों द्वारा ऋण जमा नहीं कराने पर भूमि विकास बैंक की ओर से नीलामी नोटिस जारी किया गया, इस नोटिस की कार्रवाई राज्य स्तरीय नहीं थी लेकिन सरकार के संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तत्काल कार्यवाही करते हुए प्रशासनिक आदेश जारी कर नीलामी के बैंक आदेशों को पूर्णतया स्थगित करने का आदेश दिया।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि तत्कालीन गहलोत सरकार ने सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा 60(1)(बी) में संशोधन कर किसानों की 5 एकड़ तक की भूमि को कुर्की से मुक्त करने का प्रावधान कर दिया। जबकि उक्त प्रावधान प्रदेश के किसानों के लिए उपयोगी साबित नहीं हो पाया, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने कृषि ऋण संक्रिया अधिनियम 1974 (रोडा एक्ट 1947) में संसोधन नहीं किया, जबकि रोडा एक्ट की धारा 13 में स्पष्ट प्रावधान है कि बैंक ऋणी किसानों से ऋण वसूल कर सकता है। यदि कांग्रेस सरकार की किसानों का भला करने की मंशा होती तो वह रोडा एक्ट में संसोधन लाती लेकिन उसने केवल दिखावा किया।
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने किसानों के साथ जो धोखा किया वह किसी से छुपा हुआ नहीं है। 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के युवराज ने जनता से 1 से 10 तक गिनती गिनकर संपूर्ण कर्ज माफी का वादा किया था। सरकार बनने के बाद प्रदेश के 66 लाख किसानों का 99, हजार 996 करोड़ का कर्ज माफ होना था लेकिन कांग्रेस सरकार ने संपूर्ण कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया। वहीं कर्ज माफी के नाम पर गहलोत सरकार ने पिछली वसुंधरा सरकार के समय 6 हजार करोड़ की कर्ज माफी को खुद के नाम से बताकर वाह वाही लूटने का काम किया। कांग्रेस सरकार के राज में जनवरी 2019 से जनवरी 2022 के दौरान 22,215 किसानों की जमीन नीलाम करने के आदेश जारी किए गए, जिसमें से 18,817 किसानों को नोटिस देकर उनकी जमीन नीलाम कर दी। यह कांग्रेस सरकार की हकीकत है।