सीकर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से मनाए जा रहे राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रकार की जन जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत बुधवार को स्वास्थ्य भवन सीकर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ निर्मल सिंह ने हरी झंडी दिखाकर प्रचार व जागरूकता वाहन को रवाना किया गया। प्रचार वाहन द्वारा सीकर शहर में विभिन्न मोहल्लों व क्षेत्रों में जाकर आमजन को कुष्ठ रोग के बारे में जागरूक किया जाएगा।सीएमएचओ डाॅ निर्मल सिंह ने बताया कि कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 13 फरवरी तक चलने वाले कुष्ठ जागरुकता पखवाड़े के तहत 30 जनवरी को हुई ग्राम सभाओं में आमजन को कुष्ठ रोग की जानकारी देकर शपथ दिलाई गई।


उन्होंने बताया कुष्ठ रोग कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, इसका उपचार संभव है। लोगों में इस रोग को फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए विभाग की ओर से पखवाड़े के तहत जन जागरूकता संबंधी गतिविधियां की जा रही है। साथ ही कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देने के लिए चिकित्सा विभाग सीकर के फेसबुक, इंस्टाग्राम व ट्विटर पेज सीकर आईईसी पर कुष्ठ रोग से संबंधित संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग एक मामूली बीमारी है, जो एक जीवाणु (लेप्रा बेसिली) से होती है। यह कोई आनुवंशिक रोग नहीं है। इसकी जांच एवं इलाज सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त में उपलब्ध है।ये हैं कुष्ठ रोग के लक्षणउन्होंने बताया कि चमड़ी पर चमड़ी के रंग से फीका, एक या एक से अधिक दाग या धब्बे, जिसमें सुन्नपन, सूखापन, पसीना न आता हो, खुजली या जलन, चुभन न होती हो, तो कुष्ठ रोग हो सकता है। शरीर पर, चेहरे पर, भौंहो के ऊपर, कानों के ऊपर सूजन-गठान, दाने या तेलीय चमक दिखाई पड़े, तो कुष्ठ रोग हो सकता है। हाथ पैर में सुन्नता, सूखापन एवं कमजोरी होने पर भी कुष्ठ की जांच करवाएं। उन्होंने जिलेवासियों से आह्वान किया कि अगर स्वयं को या पड़ोस के किसी व्यक्ति को इस तरह के दाग धब्बे हों तो आशा/आंगनबाड़ी/स्वास्थ्य कार्यकर्ता/डॉक्टर से सम्पर्क कर उसकी जांच करवाएं।
