जयपुर, 25 अगस्त। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राजस्थान एवं तकनीकी डवलपमेंट पार्टनर आईपास डवलपमेंट फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परिवार कल्याण गतिविधियों के तहत विकल्प परियोजना का शुभारम्भ किया गया। प्रथम चरण में यह परियोजना प्रदेश के 21 जिलों में संचालित की जाएगी। कार्यशाला में राज्य के 4 संभागों के 21 जिलों के अतिरिक्त सीएमएचओ, जिला आशा समन्वयक एवं सीआईएफएफ एवं आईडीएफ सहित अन्य डेवलपमेंट पार्टनर संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि राज्य-स्तरीय कार्यशाला में विकल्प परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी है। इससे फील्ड़ में कार्यरत अधिकारियों एवं कार्मिकों को परिवार नियोजन के साधनों की लक्षित योग्य दम्पतियों तक पहुंच बनाकर निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण करने में आवश्यक मदद मिलेगी।
कार्यशाला में निदेशक आरसीएच डॉ लोकेश चतुर्वेदी ने बताया कि रिब्रसिबल गर्भ निरोधकों के उपयोग में सुधार करने एवं योग्य दम्पत्ति जो अभी बच्चे नहीं चाहते या अंतराल बनाना चाहते हैं, उनके लिए विकल्प परियोजना से काफी सहयोग मिलेगा। यह परियोजना तकनीकी पार्टनर सीआईएफएफ एवं आईपास के सहयोग से प्रारम्भ कर क्रियान्वित की जाएगी। ग्रामीण स्तर पर जागरूकता बढ़ाने और सेवाओं तक पहुंच बहुत महत्वपूर्ण है। परियोजना निदेशक परिवार कल्याण डॉ. गिरीश द्विवेदी ने बताया कि कैसे प्रारंभिक गर्भावस्था में देरी और अंतराल विधियों के उपयोग से महिलाओं और बच्चों में रुग्णता और मृत्यु दर में सुधार हो सकता है।
आइपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के सीईओ विनोज मैनिंग ने विकल्प परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परियोजना के लिए एनएचएम राजस्थान के साथ एम.ओ.यू. किया गया है। निदेशक एसआरएचआर सीआईएफएफ डॉ. कीर्ति अयंगर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
