Sunday, December 7, 2025
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चिल्ड्रन्स फिल्म फेस्टिवल में तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजते हॉल और फ़िल्में देखते हजारों बच्चे  देश विदेश से आये फिल्मकारों के साथ विद्यार्थियों की रोचक चर्चाओं का दौर भी 



जयपुर 25 अगस्त | ऐसा नजारा कम ही देखने को मिलता है की हर उम्र के हजारों बच्चें  एक साथ फ़िल्में देखें| गुलाबी नगरी में 6th आर्यन इंटरनेशनल चिल्ड्रन्स फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ जयपुर और सिक्सटीन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में ऐसा देखते ही बनता है| हँसते मुस्कराते चेहरे, तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजते हॉल साथ में देश विदेश से आये फिल्मकारों के साथ विद्यार्थियों की रोचक चर्चा और फ़िल्में असल में इन फेस्टिवल्स में बियोंड एंटटेन्मेंट का पूरा सिनेमा संसार है. जहां सीखने और दिमाग को अनेक विषयों पर सोचने को मजबूर कर देने वाली अद्भुत फ़िल्में दिखाई जा रही है.|  
ऐसी  है मुझे स्कूल नहीं जाना और जु (चिड़ियाखाना). मुझे स्कूल नहीं जाना के डायरेक्टर निपुण धोलिया और अभिनेत्री कैथरीन भी फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान मौजूद रही उन्होंने बच्चों के साथ बातचीत की  फिल्म की कहानी एक संपन्न परिवार की स्कूल जाने वाली एक किशोर लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है| जिसके चार सदस्य हैं, जिसमें उसके माता-पिता दोनों ऊंची नौकरियों में हैं और एक बड़ा भाई है। लड़की गहरी भावनात्मक उथल-पुथल में डूब जाती है और खुद को वास्तविक दुनिया से पूरी तरह दूर कर लेती है।
“जू” प्रशांत नारायणन, ऋत्विक साहोरे, अवनीत कौर और रवि किशन के अभिनय से सजी फिल्म सरकारी स्कूल के खेल ग्राउंड को बचाने की कहानी है.
बेड़ियाँ फिल्म की एक्टर और रायटर निधि नौटियाल ने कहा की बच्चों के लिए इस तरह का फेस्टीवल आयोजित करना अपने आप में मायने रखता है| मैं जयपुर आकर बहुत खुश हूँ मैं इस तरह का फिल्म फेस्टिवल देहरादून में भी शुरू करना चाहती हूँ क्यूंकि इससे आज के बच्चों का ओवरऑल डेवलपमेंट होता है|  बेड़ियाँ फिल्म के बारे में बताते हुए कहा की इस फिल्म औरतों की उस दुखद प्रथा के बारे में बताया है. यह प्रसवोत्तर देखभाल पर आधारित है। आंतरिक हिमालय के कुछ हिस्सों में महिलाओं को गौशाला में बच्चे को जन्म देना पड़ता है और फिर उन्हें 14 दिनों के लिए अछूता छोड़ दिया जाता है। हमारी फिल्म उन 14 दिनों के दौरान उनके साथ क्या होता है, उसके इर्द-गिर्द घूमती है।  एक स्टूडेंट ने फिल्म देखने के बाद बताया की सिनेमा से मनोरंजन के साथ हमें मोरल वेल्यूज भी सीखने को मिल रही है| मोरल वैल्यूज के ही बारे में बात करते हुए सुनिधी डंगायच ने कहा की इस दुनिया में बहुत सारे एलियंस होते है पर कुछ अच्छे भी होते हैं जो की पृथ्वी को बचाना चाहते हैं.

आज दिखाई गयी फिल्मे मुर झेख गान (द लास्ट सॉन्ग), लेम्बी लीमा, बेड़ियाँ, स्लो रिवर , द रिपल, एक विधवा का सपना, ए ड्रीमऑफ़ अ  विडो, दुबई में मोमो & मोमो इन दुबई है |

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