जयपुर, 24 अगस्त। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने राज्य सरकार से जन घोषणा पत्र- 2018 में कर्मचारियों से किये वादों को शीघ्र पूरा करने की मांग के साथ ही चेतावनी दी है कि यदि आचार संहिता से पूर्व घोषणाओं की क्रियान्वित नहीं हुई तो आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
राठौड़ ने बताया कि घोषणा पत्र पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के आव्हान पर प्रदेश के हजारों राज्य कर्मचारियों ने 11 अगस्त 2023 को शहीद स्मारक पर एक विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित कर आक्रोश रैली निकली थी और मुख्यमंत्री की सचिव आरती डोगरा को मांगों का ज्ञापन सौंपकर उनसे शीघ्र उच्च स्तरीय वार्ता कराने का अनुरोध किया था। लेकिन उसके बावजूद ना तो घोषणाओं की क्रियान्वित हुई और नहीं उच्च स्तरीय वार्ता आयोजित हुई। उन्होंने सरकार पर संवादहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि कर्मचारियों को नजर अंदाज करना सरकार को बहुत भारी पड़ेगा।
राठौड़ ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि घोषणा पत्र के अनुरूप वेतन विसंगतियों के निराकरण के लिए राज्य सरकार को प्राप्त सामंत कमेटी और खेमराज कमेटी के रिपोर्ट को शीघ्र सार्वजनिक किया जाए, साथ ही संविदा कर्मियों एवं ठेका कर्मियों सहित सभी अस्थाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए। इसके अलावा महासंघ (एकीकृत) के 17 सूत्री मांग पत्र एवं सभी संबद्ध संगठनों के लंबित मांग पत्रों पर शीघ्र उच्च स्तरीय वार्ता आयोजित करा कर मांगों का निराकरण किया जाए।
