कोटा, 5 मार्च | विधायक संदीप शर्मा ने कहा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में मुट्ठीभर लोगों के नाम भी खाद्य सुरक्षा योजना में नहीं जुड़ सके | 5 साल तक लोग रियायत खाद्यान्न की बाट जोहते रहे और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गरीबों की पीड़ा को समझा और अपात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा सूची से बाहर करने का काम शुरू किया जिससे एक वर्ष में 19.90 लाख आर्थिक सम्पन्न व्यक्तियों के नाम हटाने के बाद वास्तविक रूप से पात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ दिलाने का रास्ता साफ हो गया है।
विधायक शर्मा के तारांकित प्रश्न के उत्तर में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने बताया है कि जनवरी 2024 से अब तक प्रदेश में 19,90,886 नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटाये गये हैं, कोटा जिले में इस अवधि में 40.327 नाम हटाये गए हैं। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश पर लाभार्थियों की ई-केवाईसी भी की जा रही है। साथ ही नवम्बर 2024 से 31 मार्च 2025 तक गिव अप अभियान भी चलाया जा रहा है जिसमें अपात्र लाभार्थियों को स्वेच्छा से नाम कटवाने की छूट दी गई है, इसके बाद भी लाभ लेने वाले अपात्र व्यक्तियों से वसूली की जायेगी।
उत्तर में बताया गया है कि खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत राज्य के शहरी क्षेत्र में 53 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 69.09 प्रतिशत सीलिंग निर्धारित की गई है जिसके आधार पर प्रदेश में अधिकतम लाभार्थी सीमा 4,46,61,960। प्रदेश में 27 फरवरी 2025 तक कुल चयनित लाभार्थियों की संख्या 4,39,07,783 है और खाद्य सुरक्षा में लम्बित आवेदनों की संख्या 13,38,683 है। चारपहिया वाहन धारकों को खाद्य सुरक्षा सूची से हटाने के प्रश्न पर बताया गया है कि ट्रेक्टर एवं आजीविका के स्रोत अन्य वाणिज्यिक वाहनों के अलावा अन्य चारपहिया वाहन स्वामियों के नाम निष्कासन की श्रेणी में हैं तथा उन्हें भी स्वविवेक से गिव अभियान के तहत अपना नाम सूची से हटवाने का अवसर दिया गया है।